उदयमान पुरस्कार से सम्मानित हुए शिवेंदु

जमुई : मशहूर कवि दुष्यंत कुमार की पंक्तियां हैं कि कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों. कहने का तात्पर्य है कि अगर किसी भी काम को करने कि मन में ठान ली जाए तो फिर सफलता निश्चय ही मिलती है. कुछ इसी कहावत को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2019 7:39 AM

जमुई : मशहूर कवि दुष्यंत कुमार की पंक्तियां हैं कि कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों. कहने का तात्पर्य है कि अगर किसी भी काम को करने कि मन में ठान ली जाए तो फिर सफलता निश्चय ही मिलती है. कुछ इसी कहावत को चरितार्थ कर दिखा रहे हैं जमुई जिले के कटौना गांव के रहने वाले डॉ. शिवेंदु आलोक, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया और उनके इस योगदान के लिए उन्हें उदयमान अवार्ड से नवाजा गया है.

जमुई जिले के बरहट थाना क्षेत्र अंतर्गत कटौना गांव निवासी प्रो. सुखदेव ठाकुर के पुत्र डॉ. शिवेंदु आलोक ने ना सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में स्वयं को समर्पित किया है, बल्कि वर्ष 2010 से ही पटना में नि:शुल्क शिक्षा शिविर चला कर 500 से अधिक छात्र के जीवन को भी सवार चुके हैं. शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए ही द अचीवर्स फाउंडेशन के द्वारा भारतीय उदयमान पुरस्कार-2019 दिया गया है.
बचपन से ही मिला शिक्षा का माहौल
डॉ. शिवेंदु आलोक के पिता प्रो. सुखदेव ठाकुर इग्नू के प्रोफेसर रह चुके हैं तथा उनके घर में हमेशा से ही शिक्षा का माहौल रहा है. शिवेंदु के भाई रवि रंजन आलोक वर्तमान में वाणिज्य कर आयुक्त के पद को सुशोभित कर रहे हैं, तो वहीं उनके एक अन्य भाई देवेंदु आलोक प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के पद पर हैं.
शिवेंदु खुद कई विषयों पर शोध कर चुके हैं, जिसके लिए उन्हें मगध यूनिवर्सिटी के द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया जा चुका है. डॉ. शिवेंदु आलोक बताते हैं कि मेरा प्रयास रहता है कि गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके. यही कारण है कि बिहार पुलिस, झारखंड पुलिस, रेलवे, एनटीपीसी सहित अन्य विषयों की तैयारी करने पटना आने वाले निर्धन छात्र को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करता हूं.
उन्होंने यह भी बताया कि द अचीवर्स फाउंडेशन के द्वारा भारतीय उदयमान पुरस्कार ने मेरा उत्साहवर्धन किया है और मुझे इससे और भी ताकत मिलेगी तथा मैं अपने लक्ष्य की ओर पूरी दृढ़ता से आगे बढ़ सकूंगा. इधर डॉ. आलोक को सम्मानित किये जाने के बाद उनके परिजनों, दोस्तों सहित अन्य लोगों ने शुभकामनाएं दी हैं.

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