सर्वप्रथम यमुना ने मनाया था भैया दूज का त्योहार

विभूति भूषण, जमुई : कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया यानी मंगलवार को होने वाले भाई-बहन के स्नेह और सुदृढ़ता के प्रतीक भैया दूज के त्योहार को लेकर सभी बहनों के द्वारा जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. इस त्योहार के बारे में यह कथा प्रचलित है कि सर्वप्रथम यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2019 9:02 AM

विभूति भूषण, जमुई : कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया यानी मंगलवार को होने वाले भाई-बहन के स्नेह और सुदृढ़ता के प्रतीक भैया दूज के त्योहार को लेकर सभी बहनों के द्वारा जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. इस त्योहार के बारे में यह कथा प्रचलित है कि सर्वप्रथम यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाकर भोजन कराया था और गोधन भी कूटकर खिलाया था.

इसलिए इस दिन भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है.भैया दूज के त्योहार के दिन बहन के द्वारा अपने भाई के लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य की कामना को लेकर यमराज तथा यमुना का भी पूजन किया जाता है.कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाए जाने वाले भैया दूज के त्योहार को भातृ द्वितीया भी कहा जाता है.
इस त्योहार का प्रमुख लक्ष्य है कि भाई और बहन के बीच पावन संबंध और प्रेम भाव की स्थापना करना. इस दिन गोधन कूटने का भी विशेष महत्व है.
क्यों मनाया जाता है भैया दूज
भैया दूज के त्योहार के बारे में यह कथा प्रचलित है कि यमुना और यमराज भगवान सूर्य के दो संतान थे और उन दोनों भाई बहनों में बहुत ही असीम स्नेह और प्रेम था. यमुना बार-बार अपने भाई यमराज को अपने घर भोजन करने के लिए निमंत्रण देती थी.लेकिन वह व्यस्तता के कारण अस्वीकार कर देते थे. यमुना ने अपने भाई यमराज से कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को भोजन करने हेतु आने का वचन लिया. कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को यमुना ने अपने भाई यमराज को सम्मानपूर्वक भोजन कराया और गोधन भी कूट कर खिलाया.
साथ ही प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को यमुना ने यमराज से अपने घर आने का वचन लिया. इसके अलावा यमुना ने अपने भाई यमराज से इस दिन अपने भाई को अपने घर बुलाकर भोजन कराने वाली तथा उसकी लंबी आयु की कामना के लिए प्रार्थना करने वाली सभी बहन को मृत्यु के भय से मुक्त करने का भी वचन लिया. इसलिए इस दिन से भैया दूज का त्योहार मनाया जाने लगा.

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