झाझा : नगर क्षेत्र के बोडवा बस स्टैंड एवं बस स्टैंड के संचालक गुरु यादव की हत्या किये जाने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने घटनास्थल पर अपराधियों की मांग को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया. ग्रामीणों ने दादपुर हॉल्ट पर रेल परिचालन बाधित करने की कोशिश किया. दूसरी ओर सोहजाना में सोनो-झाझा-गिद्धौर मुख्य मार्ग को अवरुद्ध करने के साथ-साथ दुकानों को भी बंद करवाया.
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हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर किया सड़क जाम, दुकानें भी करायी बंद
झाझा : नगर क्षेत्र के बोडवा बस स्टैंड एवं बस स्टैंड के संचालक गुरु यादव की हत्या किये जाने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने घटनास्थल पर अपराधियों की मांग को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया. ग्रामीणों ने दादपुर हॉल्ट पर रेल परिचालन बाधित करने की कोशिश किया. दूसरी ओर सोहजाना में सोनो-झाझा-गिद्धौर मुख्य मार्ग को […]
इस दौरान लोग एक दिशा से दूसरे दिशा तक अपने वाहन को नहीं ले जा रहे थे. वहीं जाम होने की खबर सुनकर जमुई एसडीओ लखींद्र पासवान, एसडीपीओ भास्कर रंजन, सीओ अमित रंजन सहित अन्य पुलिस बल पहुंचकर आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करने की कोशिश किया. परंतु लोग शांत नहीं हो रहे थे.
एसडीओ के साथ जनप्रतिनिधि, पुलिस प्रशासन ने मिलकर परिजनों तथा गांव वालों को बताया कि घटना में शामिल हर अपराधी को पुलिस गिरफ्तार करते हुए कड़ी-से-कड़ी सजा दिलवायेगी. पदाधिकारी के द्वारा समझाने-बुझाने के बाद लोगों ने जाम तोड़ा. स्टैंड संचालक की हत्या के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सोहजाना के आसपास सहित बस स्टैंड की दुकान बंद भी करवाया. जिसमें सोहजना के ग्रामीण थे.
पुत्र का रो-रो कर हुआ बुरा हाल
स्टैंड संवेदक गुरु यादव की हत्या से मर्माहत उसका बड़ा पुत्र सूरज कुमार यादव, श्याम यादव, सनी यादव, सौरव यादव का रो-रो कर लगातार बुरा हाल हो रहा था. पिता का शव देखते ही दहाड़ मार कर रोते हुए पुत्र सूरज ने आम लोगों से पूछा कि आखिर मेरे पिता का क्या दोष था. मेरे पिता ने किसका क्या बिगाड़ा था.
सूरज ने कहा कि पापा तुम क्यों इधर रोज आते थे. आखिर अब हमलोगों को कौन देखेगा. उसने कहा कि हमारे पिता तो कमाई कर खाना खाते थे. किसी का लूटते नहीं थे. बावजूद इसके आखिर किसने मेरे पिता का ऐसा हाल किया. पुत्र ने कहा कि हमलोग छह भाई-बहन हैं. हमारा भाई सब छोटा-छोटा है.
आखिर परवरिश कौन करेगा. आम लोगों से पूछते-पूछते रो-रो कर बार-बार पुत्र सूरज बदहवास हो रहा था. जबकि बड़ा भाई को बदरवास होते देख बाकी छोटे भाई का भी रो-रो कर बुरा हाल था. इधर पत्नी घर में विलाप करते हुए भगवान को दुहाई दे रही थी कि आखिर भगवान मुझे इस तरह का दिन क्यों दिखाए. मैंने किसका क्या बिगाड़ा था.
जो आपने मेरे साथ ऐसा किया. पुत्र एवं पत्नी की दर्द भरी क्रंदन सुनकर आमलोगों की भी आंखें नम हो गई. छोटे-छोटे बच्चे घर आए सभी लोगों को सिर्फ झांक रहे थे एवं कभी मां को रोते देखते तो कभी अपने बड़े भाई को रोते देखते थे. इस तरह पूरा माहौल गमगीन हो गया था.
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