शहरवासियों के लिए नासूर बना जाम

जमुई: शहरवासियों के लिए जाम की समस्या नासूर बनती जा रही है. जाम की समस्या से लोगों को प्रत्येक दिन दो-चार होना पड़ता है और लोग घंटों जाम में फंसे रह जाते हैं. जाम के कारण कई बार तो लोगों को कार्यालय पहुंचने और बच्चों को स्कूल पहुंचने में भी काफी विलंब हो जाता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2015 10:18 AM
जमुई: शहरवासियों के लिए जाम की समस्या नासूर बनती जा रही है. जाम की समस्या से लोगों को प्रत्येक दिन दो-चार होना पड़ता है और लोग घंटों जाम में फंसे रह जाते हैं. जाम के कारण कई बार तो लोगों को कार्यालय पहुंचने और बच्चों को स्कूल पहुंचने में भी काफी विलंब हो जाता है.

शहर वासियों की मानें तो प्रशासन द्वारा जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए कई बार ठोस कदम उठाने का आश्वासन तो दिया जाता है. लेकिन इस पर कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाती है. लोगों की मानें तो दो पहिये और चार पहिये वाहनों की पार्किग व्यवस्था नहीं होने के कारण भी अक्सर जाम लगता है.

यहां-यहां लगता है जाम
शहर स्थित महाराजगंज, अस्पताल रोड, महिसौड़ी चौक, थाना चौक और कचहरी रोड में प्रतिदिन लगता है जाम.
नहीं है ट्रैफिक व्यवस्था लोगों की मानें तो ट्रैफिक पुलिस की कोई समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बाजार क्षेत्र में अक्सर चार पहिया वाहन प्रवेश कर जाता है और बाजार की सड़कें सकरी होने के कारण जाम लग जाता है. कई बार तो बाजार में लोगों द्वारा आड़े-तिरछे मोटर साइकिल खड़ी कर दी जाती है और ठेला वेंडरों द्वारा ठेला खड़ा कर दिया जाता है. इससे भी जाम लग जाता है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अंजनी कुमार सिन्हा की मानें तो जाम के दौरान निकलने वाले वाहनों के धुएं से लोगों को श्वास की बीमारी हो सकती है और हॉर्न की वजह से बहरेपन, मानसिक असंतुलन जैसी परेशानी हो सकती है.
सरकार को ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था मुहैया कराने और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. स्वीकृति मिलते ही लोगों को जाम की समस्या से निजात दिला दिया जायेगा.
दिलीप कुमार अग्रवाल, जिला परिवहन पदाधिकारी

Next Article

Exit mobile version