स्टेशन पर बिकता है लोकल पानी
जमुई: जमुई स्टेशन पर रेल नीर के बजाय लोकल ब्रांड का सील वाटर बेचा जा रहा है. जिससे रेलवे को लाखों रुपये राजस्व का घाटा हो रहा है. इस ओर रेल प्रशासन भी उदासीन बनी हुई है. स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर लगे स्टॉल पर धड़ल्ले से लोकल ब्रांड का सील वाटर बेचा जा […]
जमुई: जमुई स्टेशन पर रेल नीर के बजाय लोकल ब्रांड का सील वाटर बेचा जा रहा है. जिससे रेलवे को लाखों रुपये राजस्व का घाटा हो रहा है. इस ओर रेल प्रशासन भी उदासीन बनी हुई है. स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर लगे स्टॉल पर धड़ल्ले से लोकल ब्रांड का सील वाटर बेचा जा रहा है. कमीशन के लाभ में स्टॉलधारी रेलवे नीर रखते ही नहीं है.
जबकि स्टेशन परिसर में रोजाना रेलवे के वरीय अधिकारियों का आना-जाना होता है. बावजूद उनके आंखों के सामने खुलेआम इस तरह का कारोबार फल-फूल रहा है. इतना ही नहीं कई वेंडर भी लोकल ब्रांड के सील वाटर को 10-12 रुपये में बेचते देखे जा सकते हैं. जब कभी भी अधिकारियों का निरीक्षण होता है तो स्टॉल पर रेल नीर ही नजर आता है. उनके जाने के बाद पुन: वही लोकल सील वाटर बिकना प्रारंभ हो जाता है.
विवश होकर खरीदना पड़ता है पानी
यात्रिायों ने कहा कि रेलवे के द्वारा पेयजल के लिए लगाया गया नल खराब पड़ा हुआ है. और इस गरमी में एक या दो नल पानी देता भी है तो वो भी गरम पानी जो पीने लायक नहीं होता है. जिसकी वजह से हम सबों को विवश होकर बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है. स्टेशन पर एक चापाकल है जो अक्सर खराब ही रहता है. जिसकी वजह से गरमी के दिनों में खीरा या ककड़ी आदि खाकर मजबूरन प्यास बुझानी पड़ती है. स्टेशन के एक नंबर प्लेटफॉर्म पर प्याऊ है जो देखभाल के अभाव में खराब पड़ा है.
प्लेटफार्म पर नहीं है वाटर कूलर
रेलवे स्टेशन पर एक भी वाटर कूलर नहीं है जो आने-जाने वाले रेलयात्रियों को ठंडा पानी उपलब्ध करा सके. नियमित यात्रिायों ने प्लेटफॉर्म संख्या एक पर वाटर कूलर लगाने की मांग की है. प्याऊ से तो गरम पानी निकल रहा है. जबकि जून व जुलाई का महीना आना बाकी है. प्लेटफॉर्म संख्या दो पर पानी की सुविधा नहीं है. रेलवे द्वारा यात्रियों को पेयजल की किल्लत से निजात दिलाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. जबकि रेलवे को प्रतिदिन इस स्टेशन से अच्छी-खासी राजस्व की प्राप्ति होती है.
जमुई स्टेशन पर रेल नीर का सप्लाइ नहीं है. अगर स्टेशन परिसर पर लोकल सील बंद पानी बेचने पर रोक लगा दिये जाने से यात्रियों को परेशानी हो सकती है. और स्टेशन पर खराब पड़े नल व चापाकलों को ठीक कराकर पेयजल की समुचित व्यवस्था करा दी जायेगी.
रंजीत कुमार, स्टेशन अधीक्षक