उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा भूमिहीनों को आवास हेतु तीन डिसमील व जीतन राम मांझी द्वारा पांच डिसमील जमीन दिये जाने की घोषणा की गयी.
साथ ही वासगीत अधिकार कानून बनाने की भी घोषणा की गयी. परचा धारियों को दखल कब्जा दिलाने हेतु ऑपरेशन भूमि दखल अभियान चलाया जायेगा, परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ. भूमि सुधार आयोग की अनुशंसा को आज तक लागू नहीं किया गया. अपने अध्यक्षीय संबोधन में सुरेंद्र यादव ने कहा कि बड़ी संख्या में राशन कार्ड से वंचित गरीबों को राशन कार्ड नहीं दिया गया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इंदिरा आवास में पांच हजार तक का कमीशन लिया जाता है. भूदान, सिलिंग, वन अधिकार अधिनियम के तहत गैर मजरुआ जमीन को गरीबों के बीच वितरण करते हुए परचा देने की मांग किया.
साम्प्रदायिक ताकतों का मनोबल काफी बढ़ गया है. लालू और नीतीश गरीब हितैषी का दावा करके जनता को दिग्भ्रमित कर रहे है. माले नेता शिवन राय, मो सलीम सहित अन्य नेता व कार्यकर्ताओं ने अपने संबोधन में राज्य सरकार पर भड़ास निकाला. इसके उपरांत माले नेताओं द्वारा चकाई बीडीओ को ग्यारह सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा गया. मौके पर सहदेव साह, विजय सिंह, भैरो सिंह, राधे साह, रोहीत यादव, फूचन टुडु, सिकंदर वर्मा , व्यास यादव सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.