झुमराज स्थान में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
सोनो : प्रखंड के बटिया में स्थित प्रसिद्ध बाबा झुमराज मंदिर में सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. यहां पूजा की दृष्टि से सोमवार को आश्विन माह का आखिरी पूजा दिन होने के कारण बलि प्रदान करने वाले भक्तों की लंबी कतार लग गयी़ अनुमानत: विभिन्न भक्तों द्वारा एक हजार से अधिक बकरे […]
सोनो : प्रखंड के बटिया में स्थित प्रसिद्ध बाबा झुमराज मंदिर में सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. यहां पूजा की दृष्टि से सोमवार को आश्विन माह का आखिरी पूजा दिन होने के कारण बलि प्रदान करने वाले भक्तों की लंबी कतार लग गयी़ अनुमानत: विभिन्न भक्तों द्वारा एक हजार से अधिक बकरे की बलि दी गयी़ 16 ऐसे भक्त थे जिन्होंने 13 बकरे की बलि का विशेष पूजा किया़ बटिया के पंकज वर्णवाल बताते हैं कि सोमवार को यहां लगभग 30 हजार श्रद्धालु आये होंगे.
जिनमें अधिकतर मांसाहार प्रसाद खाने वाले लोग थे. मंदिर परिसर के आस पास सड़क किनारे सैकड़ों छोटे बड़े वाहनों की लंबी कतार लगी थी़ पूजा करने वाले व प्रसाद ग्रहण करने वाले भक्त न सिर्फ बिहार के विभिन्न जगहों से आये थे. बल्कि झारखंड से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे़ दरअसल मंगलवार के बाद कार्तिक माह का प्रवेश होगा़ मंगलवार को यहां पूजा नही होती है और कार्तिक माह में भी बलि पूजा बंद हो जाती है
लिहाजा मन्नत मांगने वाले भक्तो को सोमवार के बाद बलि पूजा के लिए लगभग एक माह का इंतजार करना होता़ इसलिए अधिकतर भक्त सोमवार को ही पूजा के लिए बटिया पहुंच गए़ सोमवार की सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गयी थी़ बलि पूजा के बाद मांसाहार प्रसाद को यहीं बनाकर खाने की परंपरा चली आ रही है. इस कारण बकरे के मांस रूपी प्रसाद को बनाने के लिए जगह की मारामारी लगी रही़ स्थानीय लोगो से प्रसाद बनाने की जगह राशि देकर लिया जा रहा था़
दोपहर बाद प्रसाद खाने वालो का हुजूम आना शुरू हो गया़ देर शाम तक प्रसाद खाने का सिलसिला चलता रहा़ बताते चलें कि आस्था के प्रतीक झुमराज बाबा मंदिर में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को बलि पूजा विधान है़ जिन भक्तो की मन्नतें पूरी हो जाती है वे सप्ताह के इसी तीन दिनों में बकरे की बलि प्रदान करते है़ बटिया के प्राकृतिक गोद में बसे झुमराज मंदिर भक्तो को तो आकर्षित करते ही है साथ ही पर्यटकों को भी यह जगह खूब भाता है़ यह अलग बात है कि ख्याति प्राप्त यह जगह प्रशासनिक उपेक्षाओं का दंश झेल रहा है़