ओवरब्रिज के पिलर की जर्जरता जल्द होगी दूर

समस्तीपुर : शहर के बीचोबीच बना एक मात्र ओवरब्रिज की जर्जरता दूर करने की दिशा में पहल शुरू कर दी गयी है. हालांकि यह पहल सिर्फ रेल प्रशासन के द्वारा ही शुरू की गयी है. वहीं दो पिलर की जर्जरता दूर करने का जिम्मा जिला प्रशासन पर है. जानकारी के अनुसार पूर्व में रेल प्रशासन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2015 6:21 AM

समस्तीपुर : शहर के बीचोबीच बना एक मात्र ओवरब्रिज की जर्जरता दूर करने की दिशा में पहल शुरू कर दी गयी है. हालांकि यह पहल सिर्फ रेल प्रशासन के द्वारा ही शुरू की गयी है.

वहीं दो पिलर की जर्जरता दूर करने का जिम्मा जिला प्रशासन पर है. जानकारी के अनुसार पूर्व में रेल प्रशासन के द्वारा इसकी जर्जरता को दूर करने के लिए विशेष तकनीक के माध्यम से पिलर में लगे सरिया को जंगरोधक बनाने की कोशिश की गयी.

लेकिन, जांचोपरांत पिलर के आधार को मजबूत करने के लिए पिलर के लम्बवत लोहे की तीन पिलर को भी खड़ा कर इसकी जर्जरता को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रथम चरण में पिलर के आधार को मजबूत करने के लिए चार फीट गड्ढा खोदकर भूकंपरोधी बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है.

वहीं जिला प्रशासन के द्वारा अब तक पुल के पिलर की जर्जरता को दूर करने की दिशा में कोई प्रयास शुरू नहीं किया गया है. इस ओवरब्रिज के कुल चार पिलर जर्जर अवस्था में हैं.

इसकी जर्जरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिलर के प्लास्टर झड़कर नीचे गिर चुके हैं और उसमें लगे सरिया दिखने लगे हैं. बताते चलें कि ओवरब्रिज के मध्य से होकर प्रतिदिन समस्तीपुर-मुजफफरपुर रेल खंड पर चार दर्जन से अधिक ट्रेनों का परिचालन होता है.
इधर, इसर ओवरब्रिज से होकर प्रतिदिन भारी वाहन सहित कई वाहनों का गुजरना होता है. विदित हो कि वर्ष 1978 में इस ओवरब्रिज का निर्माण हुआ था. 37 साल में पहली बार इसके जर्जर पिलर की मरम्मत का कार्य शुरू किया गया है. इस ओवरब्रिज को मिथिलांचल का मुख्य द्वार का दर्जा भी प्राप्त है. समस्तीपुर जिला को दरभंगा, सीतामढी व मधुबनी जैसे जिले को यह ओवरब्रिज जोड़ती है.

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