औने-पौने दाम में धान बेचने को विवश हो रहे किसान

धान की खरीद शुरू नहीं होने के कारण किसानों के समक्ष धान को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी समस्या बनती चली जा रही है. शाहपुर निवासी किसान गजाधर साव व परमेश्वर साव की माने तो पैक्स या व्यापार मंडल द्वारा अगर धान जल्द से जल्द खरीद लिया जाता था तो हमलोग रबी फसल की बुआई कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2015 7:01 AM

धान की खरीद शुरू नहीं होने के कारण किसानों के समक्ष धान को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी समस्या बनती चली जा रही है. शाहपुर निवासी किसान गजाधर साव व परमेश्वर साव की माने तो पैक्स या व्यापार मंडल द्वारा अगर धान जल्द से जल्द खरीद लिया जाता था तो हमलोग रबी फसल की बुआई कर पाते.

जमुई : सरकार द्वारा विगत पांच दिसंबर को धान खरीद की घोषणा किये जाने के बाद भी पैक्स, व्यापार मंडल या राज्य खाद्य निगम द्वारा धान की खरीद प्रारंभ नहीं किये जाने से किसानों में उहापोह की स्थिति बनती चली जा रही है और उनका सब्र जवाब देता चला जा रहा है.
धान की खरीद शुरू नहीं होने के कारण किसानों के समक्ष धान को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी समस्या बनती चली जा रही है. शाहपुर निवासी किसान गजाधर साव व परमेश्वर साव की माने तो पैक्स या व्यापार मंडल द्वारा हमलोगों का धान जल्द से जल्द खरीद लिया जाता था तो हमलोग रबी के फसल की बुआई कर पाते. अगर धान खरीद में और अधिक विलंब हुआ तो हमलोग महाजन से खेती के नाम पर लिया गया कर्ज भी सही तरीके नहीं चुका पायेंगे और कर्ज में डूबते ही चले जायेंगे.
नारडीह निवासी किसान गब्बर सिंह, रंजन कुमार साव व मनोज साव की माने तो सरकार द्वारा धान खरीद में विलंब होने के कारण हमलोग इधर-उधर बिचौलियों के हाथों में अपने खून पसीने की मेहनत से ऊपजायी गयी धान की फसल को बेचने के लिए विवश हो रहे है.
जिला प्रशासन द्वारा धान में अधिक नमी होने का बहाना बना कर खरीद में बेवजह विलंब किया जा रहा है. जिससे हमसबों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. किसान विशुनदेव साव, सीताराम साव व घनश्याम मांझी ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द धान की खरीद प्रारंभ करने और खरीद के पश्चात अविलंब राशि का भुगतान करने की मांग की है, क्योंकि धान की खरीद देर से प्रारंभ होने पर छोटे किसानों का काफी घाटा होगा.
किसान नंदकिशोर साव व बंगाली साव ने किसान के धान की खरीद जल्द शुरू करने और खरीद में हो रहे दलाली को समाप्त करने की मांग की है, ताकि किसानों को समुचित मुनाफा मिल सके.

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