बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आज जमुई आगमन को लेकर लोगों में उत्सुकता

जमुई : जिले में 31 दिसंबार को मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की चहलकदमी में एकाएक वृद्धि हो गयी है. प्रशासनिक अधिकारी माननीय मंत्री के आगमन को सफल बनाने को लेकर जोर-शोर से लगे हुए हैं. वहीं जिला भर के किसानों ने सभी सिंचाई परियोजना को दुरूस्त कराने की मांग माननीय मुख्यमंत्री नीतीश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2015 6:37 AM

जमुई : जिले में 31 दिसंबार को मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की चहलकदमी में एकाएक वृद्धि हो गयी है. प्रशासनिक अधिकारी माननीय मंत्री के आगमन को सफल बनाने को लेकर जोर-शोर से लगे हुए हैं. वहीं जिला भर के किसानों ने सभी सिंचाई परियोजना को दुरूस्त कराने की मांग माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से किया है.

किसान राजेंद्र सिंह, प्रभु यादव, दुष्यंत कुमार, अशोक वर्णवाल, नेपाली राम, रामेंद्र कुमार सिंह, अरविंद कुमार सिंह, विशुनदेव पासवान, मदन सिंह, राजीव कुमार महतो, कमलेश कुमार, बालगोविंद प्रसाद, बृजनंदन सिंह,ज्ञान प्रवेश सिंह, अजय कुमार, विभूति कुमार किसान मानते हैं कि जिला में स्थित जीर्ण-शीर्ण पड़े सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करवा दिया जाए तो यहां के किसानों के लिए वरदान साबित हो जायेगा.

इन जलाशय योजना को मरम्मत करने की जरूरत. किसान बताते हैं कि खैरा प्रखंड क्षेत्र में स्थित गरही जलाशय योजना, जमुई प्रखंड क्षेत्र में उलाय बीयर योजना, सिकंदरा प्रखंड क्षेत्र में कुंडघाट यलाशय योजना, अलीगंज प्रखंड क्षेत्र में कैलाशघाटी डैम,बरहट प्रखंड क्षेत्र में कुकुरझप जलाशय योजना, झाझा में नागी-नकटी यलाशय योजना, गिद्धौर में उलाय बीयर यलाशय योजना, चकाई में अजय और घाघरा जलाशय योजना है.
चैनलों की हालत जर्जर. जिसके द्वारा किसानों के खेतों तक आसानी से पटवन के लिए पानी पहुंचाया जा सकता है. लेकिन इन सभी जलाशयों सहित इससे निकलने वाली छोटे-छोटे चैनल की हालत इतनी जर्जर है कि इनके द्वारा खेतों में सही ढंग से पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जबकि वर्तमान में यहां के किसानों को इन जलाशय योजना के रहने पर भी सुखाड़ की स्थिति का सामना करना पड़ता है. किसान धान और गेहूं की फसल का उत्पादन नहीं कर पाते हैं.
अगर इन सभी जलाशयों को दुरूस्त कर दिया जाये तो जिले में व्याप्त सिंचाई की समस्या स्वत: समाप्त हो जायेगी और खेतों में हरियाली आने के साथ किसानों के चेहरे पर भी खुशहाली आ जायेगी.

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