जमुई : पंचायत चुनाव की आहट तेज होने और पंचायत के सीटों के स्वरूप बदलने की संभावना को लेकर कई नये चेहरे चुनाव लड़ने के लिए अभी से ही सक्रिय हो गये है और वे अपने पंचायत में घूम घूम कर लोगों से चुनाव में समर्थन देने की अपील कर रहे है. कई नये चेहरे तो अपने द्वारा लोगों के लिए किये गये कार्यों और अपनी साफ-सुथरी छवि का हवाला भी देकर लोगों को अभी से ही मनाने में जुट गये है.
ये नये चेहरे अभी से ही अपनी अपनी चुनाव की विसात बिछाने की गुजार में लग गये है. हालांकि चुनाव आयोग द्वारा आरक्षण रोस्टर को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिये के कारण चुनाव लड़ने वाले कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति बरकरार है, तो वहीं कई नये चेहरे यह मान कर चल रहे हैं कि इस बार आरक्षण का रोस्टर बदलेगा और उन्हें पंचायत में प्रतिनिधि बनने का मौका अवश्य मिलेगा.
वहीं कई वर्तमान मुखिया अपनी सीट आरक्षित हो जाने की संभावना को देखते हुए जिला परिषद और पंचायत समिति का चुनाव लड़ कर अपनी प्रतिष्ठा बचाने की जुगत में लग गये है. वहीं कई संभावित प्रत्याशी तो आरक्षण रोस्टर पर छायी धुंध के छंट जाने के बाद मैदान में कूदने का मन बना रहे है.
कई निवर्तमान जनप्रतिनिधि तो आरक्षण रोस्टर लागू होने पर अपना सीट समाप्त होने की स्थिति में पंचायत की कमान अपने किसी विश्वासपात्र को सौंपने के लिए अभी से ही रणनीति बना रहे है. बहरहाल जो भी हो आरक्षण रोस्टर लागू होने से पूर्व ही पंचायतों में चुनाव लड़ने के लिए कई नये चेहरे अपना सारा काम काज छोड़ कर चुनाव लड़ने के लिए लोगों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सेटिंग गेटिंग करने में लग गये हैं.