समस्या. शहर वासियों के लिए सिर दर्द बनता जा रहा है जाम दौड़ती नहीं, रेंगती है गाड़ियां
शहरवासियों के लिए रोज-रोज लगने वाला जाम अब सिर दर्द बनता जा रहा है और जाम की वजह से शहर के विभिन्न मार्गों पर लोग घंटों जूझते नजर आते हैं. जमुई : जमुई शहर में में जाम से परेशान लोगों की माने तो जिला प्रशासन द्वारा शहरवासियों को जाम से निजात दिलाने का दावा महज […]
शहरवासियों के लिए रोज-रोज लगने वाला जाम अब सिर दर्द बनता जा रहा है और जाम की वजह से शहर के विभिन्न मार्गों पर लोग घंटों जूझते नजर आते हैं.
जमुई : जमुई शहर में में जाम से परेशान लोगों की माने तो जिला प्रशासन द्वारा शहरवासियों को जाम से निजात दिलाने का दावा महज झूठा साबित होता जा रहा है. लोगों द्वारा जाम से निजात दिलाने के लिए कई बार आवेदन देने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा आज तक कोई कदम नहीं उठाया जाना महज खानापूर्ति बन कर रह गया है. जाम की वजह से ना केवल लोगों को अपने दैनिक कार्यों को निपटाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है,
बल्कि बच्चों को भी स्कूल जाने में काफी परेशानी होती है. प्राध्यापक प्रो. गौरीशंकर पासवान व शिक्षक रामाकांत सिंह बताते हैं कि शहर में कोई ट्रैफिक व्यवस्था नहीं होने के कारण ही अक्सर जाम लगता है और जाम के वजह से लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए जूझना पड़ता है. शहर में जाम लगता अब कोई नयी बात नहीं है.
जमुई चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव शंकर साह तथा व्यवसायी संतोष कुमार व कृष्णा पांडेय की माने तो नगर क्षेत्र में दोपहिया या चारपहिया वाहनों के समुचित पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण महाराजगंज, कचहरी चौक, थाना चौक, अस्पताल रोड, खैरा मोड, पुरानी बाजार आदि जगहों पर अक्सर जाम लग जाता है और लोगों को जाम से निकलने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
सड़क किनारे खुदरा विक्रेताओं द्वारा आड़े-तिरछे ठेला खड़ा कर देने के कारण भी जाम लग जाता है. समाजसेवी यदुलाल सिन्हा व छात्र अजीत कुमार तथा चंदन कुमार की माने तो बड़े वाहनों के बाजार क्षेत्र में अकस्मात प्रवेश कर जाने के कारण भी बराबर जाम लग जाता है. इसलिए जिला प्रशासन को सुबह 9 बजे से रात्रि के 9 बजे तक बाजार क्षेत्र में बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए नो-इंट्री व्यवस्था को हर हाल में लागू करना चाहिए. ताकि लोगों को जाम से काफी हद तक निजात मिल सके.