लाल आतंक पर शिक्षा की लौ भारी

जमुई : कीचड़ में कमल की उत्पत्ति की कहावत को सिमुलतला आवासीय विद्यालय ने आज चरितार्थ किया है. टॉप 10 में विद्यालय के 42 छात्रों की सफलता के बाद जिले के लोग भी गर्व महसूस कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में स्थापित विद्यालय ने पूरे प्रदेश में दूसरी बार अपना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2016 6:05 AM

जमुई : कीचड़ में कमल की उत्पत्ति की कहावत को सिमुलतला आवासीय विद्यालय ने आज चरितार्थ किया है. टॉप 10 में विद्यालय के 42 छात्रों की सफलता के बाद जिले के लोग भी गर्व महसूस कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में स्थापित विद्यालय ने पूरे प्रदेश में दूसरी बार अपना नाम रोशन कर जिला को गौरवान्वित किया है. अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में

लाल आतंक पर…
शुमार सिमुलतला की धरती पर शिक्षा के क्षेत्र में इततनी बड़ी सफलता से लोगों के मन में क्षेत्र में अमन-शांति की स्थापना होने के भी आसार दिखने लगे हैं. प्राकृतिक सौदर्यता से परिपूर्ण सिमुलतला की पहचान नक्सलियों व अपराधियों की आहट के बाद से ही धूमिल हुआ है.
प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी है चर्चित सिमुलतला : यहां की मनोरम आबोहवा को देख कर देश के ख्यातिलब्ध लोगों ने यहां आकर अपना आकर्षक बसेरा बनाया था. खास कर बंगाली सैलानी गरमी के दिनों में पूरे परिवार के साथ यहां आकर चैन से अपनी छुट्टी व्यतीत करते थे. यहां असम के राजा का लालडैंगा हाउस, बंगाल के पूर्व राज्यपाल श्यामल सेन की कोठी, फिल्म जगत के मशहूर निर्माता बीएन सरकार की कोठी, लट्टू पहाड़ सहित अनेक काेठी व दार्शनीय स्थल अब भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है.
स्थानीय वयोवृद्धों की मानें तो पिछले डेढ दशक से क्षेत्र में बढ़ते नक्सली गतिविध व अापराधिक क्रियाकलाप देख लोग सिमुलतला से मुंह मोड़ अन्य स्थान को जाने के विवश हो गये. आज सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से एक बार फिर यहां की गरिमा वापस होते लोगों को दिखने लगा है.
किराये के मकान में चलता है विद्यालय : मैट्रिक परीक्षा में लगातार दूसरी बार सूबे में परचम लहराने वाला सिमुलतला आवासीय विद्यालय आज भी किराये के मकान में संचालित हो रहा है. नेतरहाट के तर्ज पर संचालित इस विद्यालय के भवन को लेकर कई बार जिलाधिकारी व पदाधिकारियों ने जमीन दाताओं के साथ बैठक की है, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. अंगरेजी माध्यम से संचालित इस विद्यालय की शिक्षा पैटर्न भी काफी उम्दा है,
लेकिन यहां के छात्रों को पर्याप्त संख्या में अंगरेजी माध्यम की किताब उपलब्ध नहीं होने के कारण हिंदी माध्यम की पुस्तकों को अनुवाद कर पढ़ाई करनी पड़ती है. इसके बावजूद यहां के छात्रों ने दो बार लगातार मैट्रिक परीक्षा में अपना परचम लहरा कर पूरे प्रदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.
सिमुलतला आवासीय विद्यालय . फिर लहराया परचम
विद्यालय से जुड़े अहम पहलू
विद्यालय में आधारभूत संरचना का है अभाव
आदेशपाल से लेकर प्रचार्य तक को नहीं मिलता है वेतनमान
सभी कर्मी मानदेय पर हैं कार्यरत
सेवा शर्त को लेकर कर्मियों को आज तक कुछ नहीं है मिला
कई विषयों में नहीं हैं शिक्षक
यहां बच्चों को सीखने के लिए हर हमेशा किया जाता है प्रेरित
सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक चलती है कक्षा
बच्चों को दी जाती है पूरे सिलेबस की जानकारी
शिक्षक बच्चों को शिक्षा देने के लिए हर हमेशा रहते हैं सजग

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