आस्था व अध्यात्म का पर्व है अहोरात्रि
महेश्वरी स्थित बाबा लक्ष्मीनारायण मंदिर में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने टेका माथा सोनो : बीते सोमवार को महेश्वरी में कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होने वाले बाबा लक्ष्मीनारायण पूजनोत्सव में शरीक होने सूबे के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह महेश्वरी स्थित मंदिर पहुंचे. उन्होंने बाबा लक्ष्मीनारायण को नेवैद्य चढ़ाया एवं माथा टेक कर सुख शांति […]
महेश्वरी स्थित बाबा लक्ष्मीनारायण मंदिर में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने टेका माथा
सोनो : बीते सोमवार को महेश्वरी में कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होने वाले बाबा लक्ष्मीनारायण पूजनोत्सव में शरीक होने सूबे के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह महेश्वरी स्थित मंदिर पहुंचे. उन्होंने बाबा लक्ष्मीनारायण को नेवैद्य चढ़ाया एवं माथा टेक कर सुख शांति की प्रार्थना की. पूजा के उपरांत स्थानीय दिलीप सिंह के घर उन्होंने प्रसाद ग्रहण किया.ग्रामीणों से मिलकर उन्होंने उनका कुशल क्षेम पूछा. उन्होंने कहा कि बाबा लक्ष्मीनारायण के इस पूजनोत्सव को लेकर वे या उनके घर से कोई सदस्य सदैव यहां आते रहे है एवं इस क्षेत्र की सुख समृद्धि व शांति के लिए प्रार्थना किया है. उन्होंने कहा कि अहोरात्रि का यह पर्व अध्यात्म व आस्था से जुड़ा हुआ है.
यहां स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर इस गांव की संस्कृति को एक अलग पहचान देती है.पूजनोत्सव के ऐसे आयोजन से सामाजिक समरसता बढ़ती है. चकाई विधान सभा के पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह भी इस अवसर पर महेश्वरी पहुंचकर पूजा अर्चना किया. उन्होंने भी बाबा लक्ष्मीनारायण में अपनी संपूर्ण आस्था व्यक्त करते हुए अहोरात्रि पर्व को अनूठा बताया.दोनों पिता-पुत्र के महेश्वरी आगमन से ग्रामीण बेहद खुश हुए. मौके पर पंचानंद सिंह, नवल किशोर सिंह, मुखिया अजय कुमार सिंह, सागर सिंह, चिरंजीवी सिंह, रामखेलावन सिंह, चंद्रकांत पांडेय सहित दर्जनों लोग मौजूद थे. सोनो से प्रतिनिधि के अनुसार कार्तिक व्रतोद्यापन सह श्रीमद् भागवत साप्ताहिक कथा की समाप्ति के उपरांत संत ज़ेवियर्स स्कूल सोनो के निदेशक एवं उक्त आध्यात्मिक कार्यक्रम के यजमान सुनील कुमार वर्णवाल एवं उनकी पत्नी कुमुद वर्णवाल ने आचार्य व प्रवचनकर्ता पंडित गौरव कृष्ण पाठक को यज्ञ उपरांत विदा करने से पूर्व उन्हें विदाई में अंगवस्त्र के आलवे श्रीमद् भागवत महापुराण की एक पुस्तक को भी भेंट किया. उनके साथ अन्य पंडितों को भी अंगवस्त्र देकर विदाई दी गयी.