अभी 10 दिनों तक ठंड से नहीं मिलेगी राहत

बढ़ता-घटता रहेगा मौसम का तापमान जमुई : अगले 10 दिनों तक लोगों को ठंड से राहत नहीं मिलेगी और हवा की गति व दिशा में परिर्वतन के कारण ठंड में कमी और वृद्धि होगी. उक्त जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र खादीग्राम के मौसम वैज्ञानिक डाॅ चंचल कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि मौसम साफ रहने पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2017 4:19 AM

बढ़ता-घटता रहेगा मौसम का तापमान

जमुई : अगले 10 दिनों तक लोगों को ठंड से राहत नहीं मिलेगी और हवा की गति व दिशा में परिर्वतन के कारण ठंड में कमी और वृद्धि होगी. उक्त जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र खादीग्राम के मौसम वैज्ञानिक डाॅ चंचल कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि मौसम साफ रहने पर कोहरा लगेगा और बादल छाये रहने पर कोहरा नहीं लगेगा.11 जनवरी को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 21 डिग्री,12 जनवरी को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री और अधिकतम तापमान 19 डिग्री,13 जनवरी को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री और अधिकतम तापमान 20 डिग्री,14 जनवरी को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 20 डिग्री रहेगा.
15 जनवरी को न्यूनतम तापमान 7 डिग्री और अधिकतम तापमान 22 डिग्री,16 जनवरी को न्यूनतम तापमान 8 डिग्री और अधिकतम तापमान 25 डिग्री,17 और 18 जनवरी को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री और अधिकतम तापमान 27 डिग्री रहेगा. वहीं 19 व 20 जनवरी को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री और अधिकतम तापमान 27 से 29 डिग्री के बीच रहेगा. पछुआ हवा चलने के कारण कनकनी बढेगी और पूर्वा हवा चलने के कारण कोहरा के घनत्व में वृद्धि होगी.
क्या सावधानी बरतें किसान व पशुपालक
कोहरा और शीतलहर का प्रकोप तेज होने से आलू और टमाटर में झुलसा रोग का प्रकोप तेज हो जाता है इसलिए आलू और टमाटर को झुलसा रोग से बचाने के लिए दो ग्राम डायफेन एम 45 का छिड़काव एक लीटर पानी में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से करें. वहीं मटर के फसल को धब्बा रोग से बचाने के लिए यूरिया का घोल का छिड़काव करें.गेहूं को दिमक से बचाने के लिए दो लीटर क्लोपेरिफास का छिड़काव 20 किलो बालू के साथ करें. दीमक का प्रकोप समाप्त होने पर किसान गेहूं के फसल में पटवन कर दें. वहीं पशुपालक अपने अपने पशुओं को किसी भी कीमत पर शाम में खुले में ना छोड़े. पशुओं को रखने की जगह पर सुबह शाम अलाव की व्यवस्था अवश्य कर दें और चारा के साथ सुबह शाम एक एक चम्मच नमक अवश्य दें. पशुओं को गर्दन से लेकर पीठ तक जूट के बोरा से ढंक दें.

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