नौ वर्ष बाद भी नहीं बनी सड़क
शिथिलता. सिमुलतला-लीलावरण सड़क जर्जर क्षेत्र के लीलावरण, गोपलामारन, केंदुहार सहित अन्य गांव को सिमुलतला बाजार सहित प्रखंड व जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली लीलावरण-सिमुलतला सड़क निर्माण कार्य लगभग नौ वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो सका है. जिससे लोग परेशान हैं. सिमुलतला : वर्तमान में प्रखंड व जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली लीलावरण-सिमुलतला सड़क की […]
शिथिलता. सिमुलतला-लीलावरण सड़क जर्जर
क्षेत्र के लीलावरण, गोपलामारन, केंदुहार सहित अन्य गांव को सिमुलतला बाजार सहित प्रखंड व जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली लीलावरण-सिमुलतला सड़क निर्माण कार्य लगभग नौ वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो सका है. जिससे लोग परेशान हैं.
सिमुलतला : वर्तमान में प्रखंड व जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली लीलावरण-सिमुलतला सड़क की स्थिति इतनी जर्जर हो गया है कि आवागमन करने वाले वाहन चालकों को दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है. बताते चले कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना के तहत दिनांक 11 अक्तूबर वर्ष 2008 को उक्त सड़क की संविदा निर्गत किया था. करीब 1,02,32,495 लाख रुपया की आवंटन पर 2.307 किलोमीटर की उक्त सड़क की संविदा संजीव पांडेय नामक संवेदक के नाम से निर्गत हुआ था.
संविदा करार के अनुसार निर्माण कार्य अवधि 10 अक्तूबर 2009 तक ही था. लेकिन प्रारंभिक समय से अब तक उक्त सड़क की अधिकतर भाग अधूरा है. इस संदर्भ में क्षेत्र के लोगों में तालेवर यादव,दीनदयाल यादव,मुन्ना यादव, बिष्टु राय,सर्वेशर राय,भीम ठाकुर,गोपलामारण गांव निवासी सीताराम यादव,अजय यादव,अर्जुन यादव,मुन्ना मरांडी, फागु पुझार सहित दर्जनों लोग बताते हैं कि सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ होने से हमलोगों को काफी खुशी हुआ था.लेकिन संवेदक के द्वारा मात्र दो लेयर काम करवाकर कार्य बंद करवा दिया गया.पुन: तीन-चार वर्ष की अवधि बीतने के बाद सड़क कुछ दूरी तक पीचिंग करवा कर कार्य बंद कर दिया गया.इतना समय बीत जाने के बाद भी अबतक पूरे सड़क को पीचिंग नहीं करवाया गया है.संवेदक के गुणवत्ता युक्त ढ़ंग से कार्य नहीं कराने के कारण सड़क की स्थिति काफी कम समय में जर्जर हो गया था.सड़क की जर्जरता के कारण वर्तमान में इस सड़क पर आवागमन करना जान जोखिम में डाल कर चलना हो गया है.मजबूरन क्षेत्र के लोग जान जोखिम में डालकर इस सड़क पर आवागमन करते हैं.लोगों ने बताया सड़क के जर्जर रहने से खासकर स्कूली वाहनों को यातायात में काफी कठिनाई होती है.