ढाई वर्षों के बाद भी आदर्श ग्राम की नहीं बदली सूरत
बैठकों के अनुपात में धरातल पर नहीं हुआ विकास कार्य ठगे महसूस कर रहे है आदर्श ग्राम के लोग सोनो : प्रखंड के दक्षिणी छोर पर स्थित दहियारी पंचायत के बटिया गांव को नवंबर 2014 में जब स्थानीय सांसद चिराग पासवान द्वारा आदर्श ग्राम के रूप में गोद लिया गया था तब यहां के लोगो […]
बैठकों के अनुपात में धरातल पर नहीं हुआ विकास कार्य
ठगे महसूस कर रहे है आदर्श ग्राम के लोग
सोनो : प्रखंड के दक्षिणी छोर पर स्थित दहियारी पंचायत के बटिया गांव को नवंबर 2014 में जब स्थानीय सांसद चिराग पासवान द्वारा आदर्श ग्राम के रूप में गोद लिया गया था तब यहां के लोगो के ख़ुशी का ठिकाना नहीं था.बाबा झुमराज मंदिर के लिए प्रसिद्ध हुए इस जंगल किनारे स्थित बटिया की पिछड़ी स्थिति को देख कर ही सांसद ने इसे आदर्श ग्राम के लिए चयनित कर इसकी विधिवत घोषणा समारोहपूर्वक किया था. शुरुआती उत्साह के बीच जिला पदाधिकारी सहित जिले व प्रखंड के तमाम पदाधिकारियो की बैठकें बटिया में होने लगी.ग्रामीणों का उत्साह चरम पर था. लेकिन बीतते समय के साथ ग्रामीणों का उत्साह तब ठंडा पड़ने लगा जब उन्होंने पाया कि घोषणा के दो वर्षगांठ बीतने के बाद भी उनके पंचायत की तस्वीर नही बदल सका
. बहुत ज्यादा विकास होने की उम्मीद लगा बैठे यहां के लोग दो वर्ष बाद अपने को ठगे महसूस करने लगे. दरअसल डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय तक का समय सिर्फ पदाधिकारियो की बैठक में ही गुजर गया.बटिया के वन विभाग का विश्रामगर ऐसे दर्जनों बैठको का गवाह बना परंतु काम के नाम पर सिर्फ कागजो पर योजनाओं का चयन हो सका. इस योजना के लिए एक मात्र आवंटित 50 हजार की राशि विभिन्न बैठकों के खर्च की भेंट चढ़ गया.
काम को धरातल पर उतारने की जरूरत
केंद्र की पीएमएफ टीम द्वारा पूरे दहियारी पंचायत में आवश्यक विकास योजनाओं के लिए सर्वे कराया गया. जरूरी विकास कार्य का रिपोर्ट पीएमएफ द्वारा जिलाधिकारी को सौंप दिया गया. जब इस रिपोर्ट के आधार पर विकास कार्य को धरातल पर उतारने की बात होने लगी तब पदाधिकारी बंगले झांकने लगे.दरअसल जनप्रतिनिधि से लेकर जिला पदाधिकारी तक सबो को लग रहा था कि सांसद आदर्श ग्राम के लिए अलग से फंड आएगा.
लंबे समय तक पदाधिकारीगण इसी इंतजार में रहे. बाद में जब उन्हें यह पता चला कि आदर्श ग्राम के विकास के लिए अलग से कोई फंड नही आएगा तब पदाधिकारियों का भी उत्साह जाता रहा. उन्हें निर्देश मिला कि अपने अपने विभाग के विकास योजनाओं को आदर्श ग्राम में क्रियान्वयन का प्रयत्न करें. सच्चाई के बाद बीईओ स्कूल के सुधार में लग गए तो पीएचईडी विभाग द्वारा दो तीन जलमीनार लगवाया जाने लगा. उद्योग विभाग व गव्य विभाग द्वारा गौ पालन व दुग्ध शीतलन भंडार के लिए प्रयास करने लगे.परंतु यह सब प्रयत्न भी पूरी तरह सफलीभूत नहीं हो सका.
विकास कार्य के तौर पर मनेरिया व कुराबा में जलमीनार बनाया गया जबकि आमाटिलहा में निर्माणाधीन है.कुछ जगहों पर जल हेतु सोलर मिनी प्लांट के लिए बोरिंग कराया गया.इसी क्रम में घोषणा के दो वर्ष बाद सांसद द्वारा सांसद निधि से लगभग 46 लाख की राशि बटिया में विकास कार्य हेतु दिया गया. इस राशि से यहां मंदिर के समीप झांझी नदी किनारे पक्की घाट का निर्माण कराया गया जबकि घाट के समीप ही महिलाओं के लिए वस्त्र बदलने के कमरे का निर्माण व हेंठ बटिया में एक सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है. सांसद प्रतिनिधि जीवन सिंह द्वारा हाल ही में अगली कड़ी में मध्य विद्यालय बटिया में स्कूल में बाउंड्री,
मुख्य सड़क से गिद्धडीह तक पक्की सड़क, मंदिर परिसर के समीप विवाह भवन बनाये जाने के प्रस्ताव को कराने की बात कहे. आदर्श ग्राम घोषणा के लगभग ढाई वर्ष बाद गत 19 अप्रैल को सांसद चिराग पासवान द्वारा पुनः बटिया में विकास कार्य को लेकर तमाम पदाधिकारियो व ग्रामीणों के साथ समीक्षात्मक बैठक किया गया. यह बैठक भी अन्य बैठकों से इतर नही था.ग्रामीणों को उम्मीद था कि उनके द्वारा बटिया में किसी बड़े कार्य शुरू होने की घोषणा होगी परंतु एक बार फिर समीक्षा तक ही बैठक सिमट कर रह गया.
कुल मिलाकर आदर्श ग्राम बनने पर जिस विकास की उम्मीद जगी थी उससे गांव फिलवक्त कोसो दूर है. खुले में शौच से मुक्त करने के लिए कार्य चल रहा है वे ऐसे ही प्रखंड स्तर की कुछ योजनाएं संचालित कर पदाधिकारी अपने दायित्व से मुक्त होने में लगे है. दहियारी पंचायत के कई गांव तक आज भी सड़क नही जा पाया है. कई गांव बिजली से वंचित है.
शुरुआती समय में सांसद ने मंच से बटिया को आदर्श ग्राम के रूप में चयन किये जाने की घोषणा किया था. दहियारी पंचायत के अन्य गांव बटिया से काफी पिछड़े होने की बात जब सामने आयी तब बाद में तत्कालीन जिला पदाधिकारी द्वारा यह कहा गया कि सिर्फ बटिया नही बल्कि पूरा दहियारी पंचायत आदर्श ग्राम योजना में शामिल है. इसलिए सर्वे भी पुरे पंचायत का कराया गया था. अब जबकि आदर्श ग्राम के लिए अलग से फंड की व्यवस्था नही हुई तब एक बार पुनः यह चर्चा जोरों पर है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना में पूरा दहियारी पंचायत नहीं बल्कि सिर्फ बटिया है. यानि आदर्श ग्राम को लेकर उहफोह की स्थिति लगातार बनी रही.
आदर्श ग्राम की घोषणा के बाद लोगों ने जो उम्मीदे पाला उस पर पानी फिर गया.
पोषण यादव, पूर्व जिला पार्षद
एक दो कार्य को छोड़ दे, तो इस ढाई वर्ष में विकास कार्य नगण्य रहा.
सुकदेव यादव , पैक्स अध्यक्ष
आदर्श ग्राम पंचायत दहियारी की मुखिया प्रतिभा कुमारी के पति संतोष कुमार ने कहा कि जितनी विकास की उम्मीद लोगों को शुरुआती दौर में हुई थी उतना विकास नहीं हो सका. हाल के समय में जिस तरह सांसद खुद इसमें पूरी अभिरुचि ले रहे हैं. इससे आने वाले एक डेढ़ वर्षों में विकास होने की उम्मीद है.
संतोष कुमार, मुखिया पति सह समाजसेवी