जमुई . जिले के खैरा प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय नोनियाटांड की शिक्षा व्यवस्था की हालत बदतर है. विद्यालय में कुल 39 बच्चे नामांकित हैं, लेकिन हर दिन उपस्थिति मात्र 12 से 15 बच्चों की ही होती है. बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक नियुक्त हैं, लेकिन दो शिक्षक अक्सर स्कूल से गायब रहते हैं. यही नहीं, विद्यालय के अधिकांश कक्षाओं में ताला लटका रहता है और बच्चे एक ही कमरे में पढ़ाई करते हैं. मंगलवार को विद्यालय के प्रधानाचार्य के कार्यालय में भी ताला लटका रहा. बच्चे एक ही कमरे में पढ़ रहे थे. विद्यालय में उपस्थित शिक्षक सुरेश शर्मा ने अकेले बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल रखी थी, जबकि अन्य दो शिक्षक स्कूल से अनुपस्थित थे. सुरेश शर्मा ने जानकारी दी कि एक शिक्षक गिद्धौर में छह दिवसीय प्रशिक्षण के लिए गए हैं और दूसरे शिक्षक बीआरसी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने के लिए गए हैं. विद्यालय में बच्चों के लिए मिड डे मील (एमडीएम) की व्यवस्था भी लचर देखी. स्कूल परिसर में बने रसोई कक्ष पर ताला लटका मिला और दोपहर 12 बजे तक भोजन बनने की कोई तैयारी नहीं दिखी. इस संबंध में सुरेश शर्मा ने कहा कि मिड डे मील की तैयारी थोड़ी देर से हो रही है. प्रभारी शिक्षक के आने पर सामान मिलेगा, तभी भोजन बन पायेगा.
धनकटनी की वजह से बच्चे नहीं आ रहे स्कूल
बच्चों की उपस्थिति कम होने के सवाल पर सुरेश शर्मा ने कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्र है और अधिकतर बच्चे धान कटाई में अपने परिवार की मदद करने जाते हैं, जिसके कारण स्कूल नहीं आ पाते. इस पूरे मामले पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महेश कुमार ने कहा कि विद्यालय की स्थिति की जानकारी जल्द से जल्द स्कूल के प्रभारी से ली जायेगी. उन्होंने कहा कि विद्यालय की व्यवस्था सुधारने के लिए कार्रवाई की जायेगी. बच्चों की कम उपस्थिति को लेकर ग्रामीणों को जागरूक करने की जरूरत है. शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चे नियमित रूप से स्कूल आएं और मिड डे मील समय पर उपलब्ध हो.
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