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बरनार पर जल्द ही बनेगा लगभग 600 मीटर लंबा आरसीसी पुल

बरनार नदी पर सोनो चुरहेत के बीच बनने वाले नये आरसीसी पुल निर्माण को लेकर रविवार को नाबार्ड के उच्चस्तरीय सलाहकार रमेश कुमार सिंह ने स्थल निरीक्षण किया.

सोनो. बरनार नदी पर सोनो चुरहेत के बीच बनने वाले नये आरसीसी पुल निर्माण को लेकर रविवार को नाबार्ड के उच्चस्तरीय सलाहकार रमेश कुमार सिंह ने स्थल निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पटना से आये कंसल्टेंट डीपीआर ओम प्रकाश सिंह और भागलपुर से आये पुल निर्माण निगम के इंजीनियर जान चंद्र दास भी उनके साथ थे. दरअसल, लगभग 65 करोड़ की लागत से बनने वाले इस नये पुल निर्माण का वित्त संपोषण नाबार्ड द्वारा किया जाना है. लिहाजा पुल बनाने वाली एजेंसी पुल निर्माण निगम को इस पुल निर्माण के लिए ऋण स्वीकृति से पूर्व नाबार्ड द्वारा स्थल का निरीक्षण कराया गया. निरीक्षण कार्य की जिम्मेदारी मोहगांय निवासी सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता व नाबार्ड के उच्चस्तरीय सलाहकार रमेश कुमार सिंह को दी गयी, इसके उपरांत इंजीनियर की टीम के साथ श्री सिंह स्थल पर पहुंचे और पुल निर्माण से संबंधित तमाम पहलू का जायजा लिया. डीपीआर ओमप्रकाश सिह ने बताया कि निरीक्षण की रिपोर्ट वे नाबार्ड को देंगे और नाबार्ड द्वारा ऋण मुहैया कराने के उपरांत पुल निर्माण निगम द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा. उन्होंने बताया कि पुल में कुल 25 स्पैन होंगे और प्रत्येक स्पैन 24 मीटर लंबा होगा. उन्होंने कहा कि काजवे के क्षतिग्रस्त होने से प्रखंड की एक बड़ी आबादी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए प्रयास होगा कि जल्द से जल्द पुल का निर्माण हो जाए.

सीएम ने पुल निर्माण की घोषणा की थी

प्रखंड मुख्यालय के पश्चिमी भाग स्थित प्रखंड की आधी आबादी को मुख्यालय से जोड़ने में बेहद अहम रहे बरनार नदी पर सोनो चुरहेत के बीच बने काजवे और बेली पुल के क्षतिग्रस्त होने के उपरांत अब इसके समानांतर लगभग 600 मीटर लंबा नये आरसीसी पुल का निर्माण जल्द ही होगा. इसकी घोषणा बीते वर्ष सितंबर में स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्षतिग्रस्त पुल के निरीक्षण के दौरान की थी.

बेली पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद तीन व चार पहिया वाहनों का बंद है आवागमन

सोनो प्रखंड व खैरा प्रखंड के लगभग एक दर्जन पंचायत के सुलभ आवागमन का मुख्य जरिया सोनो चुरहेत के बीच बना काजवे था. बीते वर्ष काजवे के क्षतिग्रस्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने फ़ौरन क्षतिग्रस्त भाग पर बेली पुल का निर्माण करवाया था ताकि लोगों को परेशानी न हो परंतु यह बेली पुल एक वर्ष के पहले ही धंस गया क्योंकि पिलर क्षतिग्रस्त हो गया था. बेली पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद अब लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है क्योंकि बेली पुल होकर पैदल और दो पहिया वाहनों का ही आवागमन हो पा रहा है. तीन पहिया और चार पहिया सहित भारी वाहनों का आवागमन बंद है. इससे लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है. क्षतिग्रस्त पुल के दोनों किनारों पर ऑटो और ई रिक्शा खड़े रह रहे है जो लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में कुछ सहायक हो रहे हैं, फिर भी पुल पर तो पैदल ही जाना पड़ रहा है. दिक्कत सामान को लेकर पुल पार करने में हो रही है. पुल निर्माण निगम के इंजीनियर की टीम इसकी मरम्मति के लिए आए थे जिसके बाद अनुमान था कि दो चार दिनों में मरम्मत कार्य हो जायेगा और बेली पुल से पुनः यातायात पूर्व की तरह सुचारू हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब तो लोगों को नए पुल बनने का ही इंतजार है.

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