अभाविप के सदस्यों का प्रयास लाया रंग, लोगों को मिला शुद्ध पेयजल

अभाविप के सदस्यों का प्रयास लाया रंग, लोगों को मिला शुद्ध पेयजल

By Prabhat Khabar News Desk | May 7, 2024 9:20 PM

झाझा.प्रखंड क्षेत्र की अतिसुदूर ग्रामीण क्षेत्र बाराकोला पंचायत अंतर्गत मयूरनाचा गांव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यों की पहल से शुद्ध पेयजल मिला. सदस्यों ने पानी से भरा टैंकर बीते सोमवार की देर संध्या को गांव में पहुंचाया. जहां उपस्थित ग्रामीणों में राहत महसूस की. जल से भरा टैंकर पहुंचते ही ग्रामीण खुशी से झुमने लगे. इस कार्य के लिए ग्रामीणों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों की सराहना की. बताते चलें वर्तमान समय में गर्मी अपने चरम सीमा पर पहुंच चुका है. जिससे जल संकट गहराता जा रहा है. अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र बाराकोला पंचायत के मयूरनाचा गांव के लगभग छः दर्जन से अधिक जनजातीय समुदाय के परिवारों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है .ऐसी विकट परिस्थिति में अभाविप के कार्यकर्ताओं ने वरीय पदाधिकारियों से वार्ता कर उक्त गांव में पानी मुहैया कराने का कार्य कर रहे हैं. बीते सोमवार की संध्या 07 बजे जैसे ही अभाविप के कार्यकर्ता पानी के टैंकर के साथ गांव पहुंचे, महिला, बूढ़े, बच्चे सभी के चेहरे पर मानो उम्मीद की किरण जग गई और बाल्टी, तसला, तथा अन्य पात्र के साथ नंबर लगाकर पानी लेने की अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. दक्षिण बिहार प्रांत एसएफडी सह संयोजक सूरज बरनवाल ने कहा कि जब आजादी का 76 वर्ष पूर्ण कर हम लोग आगे बढ़ रहे हैं. परंतु इस गांव में अब तक पानी की सुविधा नहीं मिल पाना सरकार की सारे दावों को विफल होता दर्शाता है. इस गांव में अबतक नल-जल योजना भी नहीं पहुंची है. सारे चापाकल खराब पड़ा है. उन्होंने कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी रविजी व पीएचईडी विभाग कार्यपालक अभियंता शंकर दयाल के सहयोग से आदिवासी समाज के लोगों को पानी मिला है. अभाविप जिला सोशल मीडिया संयोजक कार्तिक कुसुम यादव ने कहा कि एक तरफ जहां इसरो के चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज की है. यह देश की वैज्ञानिक प्रगति और मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है .वहीं दूसरी तरफ हमारे देश के कई सुदूरवर्ती इलाकों में लोग पानी की बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मयूरनाचा जैसे इलाकों में लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. मौके पर नगर कार्यकारिणी सदस्य चिंटू कुमार, मीना देवी, छोटकी मुर्मू, बड़की सोरेन, रमेश हस्दा, राजू हस्दा, वासुदेव हस्दा, मंझली बेसरा सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version