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मांगों को लेकर आदिवासी जन जाग्रति मंच ने दिया धरना

गैर वन सरकारी भूमि को आदिवासी रेयतों से अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर प्रखंड आदिवासी जन जाग्रति मंच के सदस्यों ने प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया.

चकाई. गैर वन सरकारी भूमि को आदिवासी रेयतों से अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर प्रखंड आदिवासी जन जाग्रति मंच के सदस्यों ने प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. मौके पर सैकड़ों की संख्या आदिवासियों ने परंपरागत हथियार के साथ धरना प्रदर्शन किया. आदिवासी जन जाग्रति मंच के नेता एवं संयोजक पृथ्वीराज हैंबरम उर्फ पोलुस ने कहा कि जिला अंतर्गत सरोंन चकाई राष्ट्रीय उच्च पथ एन एच 333/ सी के चौड़ीकरण में प्रयुक्त होने वाली वन भूमि के समतुल्य विभिन्न मौजा के कुल 19835 हेक्टेयर गैर वन सरकारी भूमि को जल्द अतिक्रमण मुक्त किया जाय. जो भी अनुसूचित जन जाति एवं परम्परागत वन निवासी 2005 तक वहां बस कर उक्त जमीन पर खेती बाड़ी कर रहे हैं. उनके परिवार का भरण पोषण उक्त जमीन से होता है. उसका मालिकाना हक प्राप्त है उसे किसी भी स्थिति में उक्त जमीन से बेदखल नही किया जा सकता है.इसके बावजूद उन्हें उक्त जमीन से अतिक्रमण मुक्त करने के नाम पर बेदखल करने को कोशिश प्रशासन द्वारा की जा रही है जो उचित नही है. अगर यह आदेश वापस नही लिया गया प्रखंड के समस्त मूल निवासी अपनी जंगल,जमीन को बचाने के लिए सड़कों पर आंदोलन करने को विवश होगे .वहीं आदिवासी जन जाग्रति मंच के नेताओं ने अपना मांग पत्र बीडीओ कृष्णा कुमार सिंह की अनुपस्थिति में प्रधान लिपिक को सौंपा. इसकी अन्य प्रतिलिपि मुख्यमंत्री बिहार, राज्यपाल, मुख्य न्यायधीश पटना, एस सी, एस टी आयोग पटना, आयुक्त मुंगेर, जिलाधिकारी जमुई, उपविकास आयुक्त जमुई को भी प्रेषित किया. धरना में अध्यक्ष शिवलाल हैंबरम, राजू कोल, उपाध्यक्ष जुलियस हैंबरम, सुशील बेसरा,सचिव शिबू सोरेन, राजेश मरांडी,उपसचिव लक्ष्मण किस्कू,राजेश हासदा सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.

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