गिद्धौर. प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी गुगुलडीह पंचायत अंतर्गत पड़ने वाले वार्ड नंबर एक के केवाल महादलित टोले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 86 के बंद रहने को लेकर बुधवार को पोषक क्षेत्र के बच्चों एवं ग्रामीणों ने विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर विरोध जताया है. आंगनबाड़ी में व्याप्त कुव्यवस्था से आक्रोशित महादलित टोला के बच्चों एवं महिलाओं ने आंगनबाड़ी केंद्र को नियमित चालू करने की मांग की है, ग्रामीणों ने बताया कि केवाल गांव के वार्ड नंबर एक महादलित टोले में बने सामुदायिक भवन में चलने वाला आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 86 दो वर्ष पूर्व सुचारू रूप से चल रहा था. दो वर्ष पूर्व उक्त केंद्र की सेविका के सेवानिवृत्त होने के बाद से उक्त आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला ही लटका रहता है. प्रदर्शन कर रही पोषक क्षेत्र की महादलित महिलाएं भासों देवी, रमनी देवी, कविता देवी, मीना देवी, उर्मिला देवी, डोमनी देवी, मुंगिया देवी, मुन्नी देवी, कोमली देवी सहित उक्त केंद्र की सहायिका बबिता देवी ने आक्रोशित हो बताया कि इस आंगनबाड़ी केंद्र पर हमेशा ताला ही लटका रहता है. महीनों पूर्व से विभाग की ओर से न तो टीएचआर का वितरण किया जा रहा है और न ही गर्भवती महिलाओं को ही किसी प्रकार कि कोई सुविधा दी जा रही है. महादलित टोला वासी आइसीडीएस योजना के हर सुविधा से वंचित रह जा रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र संख्या 86 को वार्ड नंबर दो केवाल गांव में चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्र में टैग कर दिया गया है जिससे उक्त केंद्र की सेविका विभागीय मिली भगत से हम महादलितों को मिलने वाली सारी सुविधाओं से वंचित रह जा रहे हैं. आज तक विभाग द्वारा सामुदायिक भवन में चलने वाले इस केंद्र का ताला तक नहीं खोला जा सका है. जबकि इस केंद्र को वार्ड नंबर दो में टैग कर विभागीय फाइलों में केंद्र सुचारू रूप से कार्य कर रहा है.
कहते हैं वार्ड सदस्य
इस संदर्भ में वार्ड नंबर एक के वार्ड नंबर 01 के वार्ड सदस्य अंजन मांझी ने बताया कि महादलित टोला केवाल मुसहरी के छोटे-छोटे बच्चे व गर्भवती महिलाएं आइसीडीएस के लाभ से वंचित होकर कुपोषण के शिकार हो गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
कहती हैं आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका
इस संदर्भ में आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका सोनी कुमारी ने कहा है कि ग्रामीणों का आरोप निराधार है, आंगनबाड़ी केंद्र को टैग कर केंद्र का संचालन किया जा रहा है.
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