पोकलेन से ग्रामीणों पर हमले का किया प्रयास

पुल के नजदीक पोकलेन मशीन से बालू उठाव का ग्रामीण कर रहे थे विरोध

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2025 10:26 PM

सोनो. बटिया थाना क्षेत्र के गंदर अंतर्गत महुगांय-बरियारपुर के बीच नदी घाट पर गुरुवार को एक बड़ी घटना होते-होते बच गयी. यहां दर्जनों ग्रामीण बालू उठाव का विरोध करने पहुंचे थे और पुल के समीप वाले इलाके से पोकलेन से बालू उठाव का विरोध कर रहे थे. इसी बीच चालक पोकलेन के बकेट को 360 डिग्री रोटेट कर ग्रामीणों पर हमला करने लगा जिससे अफरा तफरी मच गयी और गिरते हुए ग्रामीण इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान दो ग्रामीणों को हल्की चोट भी आयी. गनीमत रही कि घूम रहे बकेट की चपेट में आने से ग्रामीण बाल-बाल बच गये. इस तरह की घटना से ग्रामीण आक्रोशित हो गये. हालांकि मामला और बिगड़ने से पहले बटिया थानाध्यक्ष देवेंद्र नारायण सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गये और ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया. इसके बाद ग्रामीणों ने संयुक्त हस्ताक्षर किया हुआ एक आवेदन थानाध्यक्ष को दिया, जिसमें पाेकलेन चालक, घाट पर बालू उठाव में लगे कर्मी और संवेदक के विरुद्ध मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की गयी है.

गंदर और बरियारपुर के ग्रामीण राकेश कुमार सिंह, मो सुभानी, मो जसीम, मो अकरम, विजय सिंह, जब्बार मियां, संजीव कुमार शर्मा, प्रकाश पासवान, मो नाज, मो इलयास, रंजीत पांडेय, गोवर्धन पांडेय, धर्मेंद्र शर्मा समेत कई ग्रामीणों के संयुक्त आवेदन में लिखा गया है कि पुल के समीप के इलाके से बड़ी मशीन द्वारा नियम के विरुद्ध बालू उठाव का विरोध करने हम लोग घाट पर गये थे, तभी चालक ने पोकलेन से हमलोगों पर हमला कर दिया, जिससे दो लोगों को चोट आयी और हमलोगों ने बड़ी मुश्किल से भागकर जान बचायी. ग्रामीणों ने संवेदक पर मनमाने तरीके से मानक के विरुद्ध बालू उठाव का आरोप लगाया है.

कोट

ग्रामीणों और बालू उठाव में लगे कर्मियों के बीच झड़प की सूचना पर पहुंचे थे. स्थिति सामान्य और नियंत्रण में है. स्थिति को देखते हुए फिलहाल बालू उठाव रोक दिया गया है. सीओ व खनन पदाधिकारी को सीमांकन के लिए कहा गया है. घटना को लेकर प्राप्त आवेदन के आलोक में उचित कार्रवाई की जाएगी.

देवेंद्र नारायण सिंह, थानाध्यक्ष, बटिया

पुल के क्षतिग्रस्त होने के खतरे से आशंकित है ग्रामीण

ग्रामीणों इस बात से आशंकित और चिंतित हैं कि यदि पुल के नजदीक वाले इलाके से बालू का उठाव हुआ तो इस पुल का भी वही हश्र होगा जो सोनो-चुरहेत के बीच बरनार काजवे का हुआ था. बरनार काजवे का पिलर इसलिए धंसा था, क्योंकि उसके आसपास से बालू का उठाव हुआ था. पिलर धंसने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. ग्रामीण राकेश सिंह बताते हैं कि नियम के तहत पुल से 400 मीटर दूर ही बालू उठाव होना है. और वह भी मानव बल द्वारा किया जाना है. लेकिन इस घाट पर पुल से 100 मीटर दूरी पर ही बालू उठाया जाने लगा है. अगर ऐसा हुआ तो हाल ही बने इस पुल पर खतरा मंडराने लगेगा. यह पुल बड़े संघर्ष और लंबे इंतजार के बाद बड़ी मुश्किल से बना है.

बालू उठाव में पोकलेन के इस्तेमाल का भी विरोध

ग्रामीण बताते हैं कि इस घाट पर खुलेआम कई पोकलेन से बालू की खुदाई कर उठाव किया जा रहा है. इतना ही नहीं नदी के भीतर भारी ट्रक और हाइवा पहुंच रहा है, जिस पर नदी से ही पोकलेन द्वारा बालू लोड किया जा रहा है. ये दोनों बातें भी पुल के समीप बालू खनन के नियम के विरुद्ध है. ग्रामीणों की मांग है कि पुल से 400 मीटर दूर मानव बल द्वारा ही निर्धारित मापदंड के अनुरूप तय गहराई तक ही बालू का उठाव किया जाये.

जल स्तर नीचे हो जाने की बढ़ी आशंका

विरोध कर रहे ग्रामीण इस बात से भी चिंतित हैं कि यदि बालू उठाव हुआ तो इस क्षेत्र में भी जल स्तर काफी नीचे चला जाएगा. इससे पेयजल संकट के साथ सिंचाई में भी परेशानी होगी. पहले से ही इलाका पेयजल की समस्याओं से घिरा हुआ है. ऐसे में सरकार को यहां की स्थिति को देखते हुए बालू उठाव नहीं कराना चाहिए.

नदी के संसाधन पर हमारा अधिकार

बालू उठाव का विरोध कर रहे ग्रामीणों को इस बात की भी पीड़ा है कि हमारे ही नदी के बालू को हमारे अधिकार से वंचित किया जा रहा है. इस नदी के किनारे बसे गांव के मंदिर निर्माण में प्रयुक्त होने वाले थोड़े से बालू को लेने से भी रोका जा रहा है और सैकड़ों ट्रक बालू अन्य जगहों पर ले जाया जा रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि हमारे घर के बिल्कुल समीप के इस नदी के संसाधन पर पहला अधिकार गांव वालों को देना चाहिए.

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