भागवत कथा में शिव विवाह प्रसंग को सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु

पतसंडा पंचायत के वार्ड दो स्थित बैकुंठ भवन में चल रहे श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में देर संध्या कथा व्यास श्रीकांत शास्त्री ने शिव पार्वती विवाह का प्रसंग का वर्णन किया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 11, 2024 9:05 PM

गिद्धौर. पतसंडा पंचायत के वार्ड दो स्थित बैकुंठ भवन में चल रहे श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में देर संध्या कथा व्यास श्रीकांत शास्त्री ने शिव पार्वती विवाह का प्रसंग का वर्णन किया. इस विवाह प्रसंग को सुन श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए. इस दौरान शिव पार्वती विवाह की भव्य झांकी का चरित्र चित्रण किया गया. ये झांकी श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रही, विवाह प्रसंग के दौरान शिव पार्वती की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाये. देवाधिदेव शिव एवं माता पार्वती के इस विवाह में श्रद्धालु झूमकर विवाह गीत गाने लगे. झांकी में शिव की भूमिका में ध्रुवनाथ झा जबकि अर्चना झा ने माता पार्वती की भूमिका निभायी. इसके अलावा प्रफुल्ल झा, गौतम झा, बहादुर झा, प्रद्युमन झा एवं आर्यन झा एवं आचार्य देव जन की भेष भूषा में दिखे. प्रसंग का वर्णन करते हुए कथा व्यास श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि पर्वत राज हिमालय की घोर तपस्या के बाद उनके घर अवतरित माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं, एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया. उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए. लेकिन माता पार्वती खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लिया. शिव-पार्वती प्रसंग का वर्णन करते हुए कथा व्यास श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि शिव पार्वती की आराधना भागवत का अभिन्न अंग है. इसके श्रवण से ही मनुष्य के सारे मानसिक व आत्मीय विकारों का अंत हो जाता है. उन्होंने कहा की ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से ही प्रभु मिलते हैं. प्रसंग में बताया कि भगवान की कथा जीवन जीना सिखाती है व सनातन धर्म के प्रति उनके जीवन में संस्कार गढ़ती है. वहीं कथा के दौरान भजन गायक गोबिंद कुमार मिश्र ने अपने सहयोगी मनोज शर्मा के साथ डम डम डमरू, भोलेनाथ स्वामी जैसे भक्ति गीतों से समां बांधा मौके पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु इस भागवत कथा में शिव विवाह के मनोरम दृश्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए.

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