भागवत कथा के दौरान गोवर्धन पूजा के प्रसंग को श्रद्धालुओं ने किया श्रवण
पतसंडा पंचायत के वार्ड दो में स्थित बैकुंठ भवन में कार्तिक उद्यापन के उपलक्ष्य में चल रहे श्रीमद भागवत कथा महोत्सव के पांचवें दिन कथा व्यास श्रीकांत शास्त्री ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा के प्रसंग को विस्तार से सुनाया.
गिद्धौर. पतसंडा पंचायत के वार्ड दो में स्थित बैकुंठ भवन में कार्तिक उद्यापन के उपलक्ष्य में चल रहे श्रीमद भागवत कथा महोत्सव के पांचवें दिन कथा व्यास श्रीकांत शास्त्री ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा के प्रसंग को विस्तार से सुनाया, इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान सुषमा देवी, राजेश झा, रुक्मिणी झा, प्रफुल्ल झा, रोशनी देवी, प्रीतम झा, डेजी कुमारी ने संयुक्त रूप से कथा का प्रारंभ दीप प्रज्वलित कर किया.इस अवसर पर कथा में गोवर्धन पर्वत एवं मटकी फोड़ की झांकी प्रस्तुत की गयी. जिसमें पुल्कित चन्द्र ने बाल कृष्ण, हर्षित चंद्र ने सुदामा, मनसुखा, बाल ग्वाल आदि की भूमिका निभायी. इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाए गए, वहीं प्रवचन के दौरान कथा व्यास श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर धर्म और सत्य की पुन: स्थापना के लिए द्वापर युग में अवतार लिया. बृज भूमि में आतंक के पर्यायी कंस मामा का वध करके अपने माता पिता देवकी वसुदेव और नाना महाराज उग्रसेन को कारागार से मुक्त कराया. कथा व्यास श्री शास्त्री ने गोवर्धन पूजा में प्रकृति की पूजा का भी उल्लेख किया. इस बीच भजन गायक गोविन्द कुमार मिश्र द्वारा सुनाए गए कर्णप्रिय भक्ति भजनों पर सैंकड़ों की संख्या में भक्तजन झूम उठे, बता दें कि बीते 09 नवंबर से चल रहे श्रीमद भागवत गीता सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन 16 नवंबर को यज्ञ हवन में आहुति दे किया जाएगा.
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