16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बापू के विचार और आदर्श आज भी प्रासंगिक

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती आज

सोनो. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती देश मना रहा है. इन दोनों महापुरुष के व्यक्तित्व और कार्य कौशल ने हमारे देश को एक अलग पहचान दी. अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती को पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाता है. आज जिस तरह पूरी दुनिया युद्ध की त्रासदी से गुजर रही है इसमें हिंसा से जूझ रहे लोगों को गांधीजी के विचार और आदर्श की जरूरत है. सच कहा जाय तो गांधी जी के विचार और आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं. दोनों महापुरुषों की जयंती की पूर्व संध्या पर शिक्षाविद चुरहेत निवासी कामदेव सिंह कहते है कि महात्मा गांधी के जीवन दर्शन और सिद्धांत के रास्ते पर चलकर ही विश्व में शांति स्थापित हो सकती है. अहिंसा और मानवता के उनके आदर्श अपनाया जाना विश्व शांति के लिए आवश्यक है. गांधी जी साधन की शुद्धता पर काफी जोर देते थे वह कहते थे कि अच्छे साधन से ही अच्छे शब्द की प्राप्ति हो सकती है. गांधी जी पर्यावरण के संरक्षण पर विशेष बल देते थे. कहते थे की प्रकृति हमारा पेट भर सकती है हमारी पेटी नहीं. वे कुटीर उद्योग के पक्षधर थे तथा स्वच्छता पर विशेष बल देते थे. उन्होंने कहा कि गांधी के साथ-साथ लाल बहादुर शास्त्री को भी उनकी ईमानदारी के लिए नमन व स्मरण करते हैं. जय जवान जय किसान का नारा देने वाले शास्त्री जी विनम्र, सहिष्णु और आंतरिक शक्ति वाले दृढ़ व्यक्ति थे. अल्प समय के उनके शासनकाल में उनके देश हित के लिये गये निर्णय यादगार रहे. शास्त्री जी खुद गांधी जी से प्रभावित थे. दोनों महापुरुष वास्तव में भारत के नायाब हीरे थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें