बरमसिया पुल का पाया हुआ कमजोर, नये पुल की उठी मांग

दर्जनों गांवों को शहर से जोड़ने वाले

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2024 10:27 PM
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प्रतिनिधि, झाझा

नगर परिषद क्षेत्र को सोनो, चकाई व झाझा प्रखंड के महापुर पंचायत समेत सैकड़ों गांव को जोड़ने वाले बरमसिया पुल का तीन पाया लगातार बारिश और बाढ़ के कारण कमजोर हो चुका है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इस पुल की मरम्मती व जीर्णोद्धार को लेकर कई बार स्थानीय सदस्यों ने स्थानीय विधायक से लेकर सांसद व अन्य उच्चाधिकारियों से गुहार लगायी. लेकिन अब स्थानीय लोगों ने पुल के जीर्णोद्धार नहीं, बल्कि नये पुल की मांग की है, ताकि तीन प्रखंडों के सैंकड़ों ग्रामीणों को झाझा शहर आने-जाने में सहूलियत हो सके. झाझा शहर को सैंकड़ों गांव से जोड़ने वाला उलाय नदी पर बना हुआ बरमसिया पुल कभी भी धराशायी हो सकता है. इसका तीन पिलर और बेस जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. विगत कई माह से पुल का एक पिलर हवा में लटक रहा है. पुल के पिलर में लगातार दरार बढ़ रही है. बारिश होने व बाढ़ के आने से अब तीन पीलर अत्यधिक कमजोर हो चुका है. अगर यह पुल ध्वस्त हो जाता है तो चकाई, सोनो, झाझा प्रखंड के दर्जनों पंचायत के सैंकड़ों गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित हो जाएगा. इससे न केवल इनके समक्ष यातायात के साधन की परेशानी होगी, बल्कि बीमार पड़ने वाले लोगों के इलाज करने के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

स्व दिग्विजय सिंह ने 60 लाख की लागत से करवाया था निर्माण

झाझा प्रखंड के चार पंचायत के अलावा सोनो, चकाई के दर्जनों पंचायत के सैकड़ों गांव की लाइफ लाइन कहे जाने वाली बरमसिया काजवे पुल का निर्माण वर्ष 2004 में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व दिग्विजय सिंह की पहल पर लगभग 60 लाख रुपए से कराया गया था. पुल की लंबाई 350 मीटर और चौड़ाई 20 फिट है. इसमें कुल 15 पिलर है. अब यह काजवे जर्जर अवस्था में है. तीन पिलर का बेस काफी कमजोर हो गया. स्थानीय लोगों ने अब इसके जीर्णोद्धार नहीं, बल्कि फिर से एक बार नए पुल की मांग स्थानीय विधायक व सांसद से की है. लगातार बारिश होते रहने व बाढ़ के आ जाने से नदी में पानी के बढ़ते हुए दबाव के कारण पुल के तीन पिलर का निचला हिस्सा बिल्कुल ही खोखला हो चुका है. इसका गार्डर वाल भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. किसी भी भारी वाहन के पुल पर होकर गुजरने के बाद यह पूरा पुल हिलने लगता है. इससे इस पुल को होकर पार करने वाले लोग काफी असहज महसूस करने लगते हैं और भयभीत भी हो जाते हैं.

लोगों ने कहा

-इंद्रदेव केसरी.

बिहार खुदरा विक्रेता संघ के अध्यक्ष इंद्रदेव प्रसाद केसरी ने कहा कि शहर के पूर्वी और दक्षिणी सुदूर ग्रामीण इलाकों के लिए लाइफ लाइन कहे जाने वाले बरमसिया पुल के जीर्णोद्धार नहीं, अब उसकी जगह पर एक नए पुल की आवश्यकता है. यह पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है. जल्द ही बरसात के बाद नये पुल का निर्माण हो, ताकि लोगों को सुविधा मिलती रहे. उन्होंने स्थानीय विधायक व पूर्व मंत्री दामोदर रावत व सांसद अरुण भारती से इस पर अमल करते हुए नए पुल की मांग किया है.

गोपाल बरनबाल.

बरनवाल सेवा समिति के अध्यक्ष गोपाल प्रसाद बरनवाल ने कहा कि बरमसिया पुल झाझा शहर वासियों व महापुर पंचायत समेत अन्य गांव के लोगों के लिए यह पुल अहम है. सोनो,चकाई समेत अन्य लोगों को यातायात में सुविधा होती है. साथ ही खेती व अन्य समय में भी सामानों को ले जाने व ढोने में भी सुविधा होती है. अब यहां एक नये पुल की जरूरत है. उन्होंने नवनिर्वाचित सांसद अरुण भारती व पूर्व मंत्री सह स्थानीय विधायक दामोदर रावत से अपील करते हुए कहा कि इस पुल की मुआयना अवश्य करें व इसकी जगह पर नया पुल दिया जाये.

-दयाशंकर बरनबाल.

श्रीकृष्ण गौशाला के सचिव दयाशंकर बरनवाल उर्फ सोनू जी ने कहा कि स्व दादा द्वारा बनाया गया यह पुल उपेक्षित -सा होकर रह गया है. अब पुराने पुल की जगह पर नये पुल की जरूरत है, जिससे आमलोगों को सुविधा होगी .

-घनश्याम गुप्ता.

मानव सेवा संघ के सदस्य व सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम गुप्ता ने कहा कि यह पुल अब बहुत ही पुराना व जर्जर अवस्था में है. इसका जीर्णोद्धार होना असंभव प्रतीत होता है. ऐसे में अब इस जगह पर एक नए पुल की आवश्यकता है. नये पुल के बन जाने से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शहर आने में सुविधा होगी.

बोले बीडीओ

प्रखंड विकास पदाधिकारी रवि जी ने कहा कि लगातार बारिश होते रहने के कारण हमने बरमसिया पुल का निरीक्षण किया है. निरीक्षण के बाद संबंधित अभियंता व उच्च अधिकारियों को इससे अवगत कराया है. पुल जर्जर अवस्था में है.

बोले विधायक

पूर्व मंत्री सह स्थानीय विधायक दामोदर रावत ने कहा कि हमने पुल का कई बार निरीक्षण किया है. हमारा क्षेत्र है. मैं उस पुल से अच्छी तरह से अवगत हूं. पुल का पाया कमजोर हुआ है. हमने पुल के निर्माण से संबंधित फाइल को संबंधित विभाग में खोजवाया है. उसके फाइल मिली नहीं है. यदि लोगों को लगता है कि वहां नए पुल की आवश्यकता है तो नये सिरे से इसकी पहल की जाएगी और जनता की मांग व जरूरत को समझते हुए इसे उच्च अधिकारियों से बैठक कर कार्य भी किया जाएगा.

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