जमुई. बिहार राज्य जनवादी बीड़ी मजदूर यूनियन के नेतृत्व में मंगलवार को सैकड़ों बीड़ी श्रमिकों ने न्यूनतम मजदूरी और अन्य अधिकारों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. श्रमिकों ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 लागू करो और बीड़ी श्रमिकों को परिचय पत्र दो जैसे नारे लगाते हुए शहर में मार्च किया. सभा की अध्यक्षता ऐक्टू के जिला संयोजक बासुदेव रॉय ने की. महासचिव मधुसूदन शर्मा ने कहा कि सरकार न्यूनतम मजदूरी लागू करने में असफल रही है. जिले के लाखों बीड़ी मजदूर अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत कर रहे हैं. इस दौरान माले नेता बाबू साहब सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने सितंबर 2024 के गजट में बीड़ी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी प्रति हजार बीड़ी पर 397 रुपये तय की थी. इसके बावजूद कंपनियां मजदूरों को केवल 100 रुपये ही दे रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और बीड़ी कंपनियों के गठजोड़ के कारण श्रमिकों का शोषण हो रहा है. झाझा प्रखंड सचिव कंचन रजक और मनोज कुमार पांडेय ने चेतावनी दी कि अगर श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी, परिचय पत्र और स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं दी गईं, तो फरवरी में बड़ा आंदोलन किया जायेगा. इसे विधानसभा और लोकसभा में भी उठाया जायेगा. सभा में मो. हैदर, किरण गुप्ता, गुलटन पुजहर, नितेश्वर आजाद, ब्रमदेव ठाकुर, शिवेंद्र यादव, राहुल यादव, बासुदेव हासदा, कृष्ण कुमार मालाकार, बेनी साह, रूपन साह, बबली देवी, अन्नू देवी, कंचन देवी, प्रतिमा देवी, मालो देवी, खुशबू देवी, सोनी देवी, मानती देवी, दीप माला देवी, बेबी देवी, चांदनी देवी, साको देवी और मीरा देवी सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
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