जमुई. राष्ट्रीय आदिवासी संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मोर्चा के जिला संयोजक कल्लू मरांडी की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा स्थल पर धरना दिया. धरना को संबोधित करते हुए भाकपा-माले जिला सचिव शंभुशरण सिंह ने कहा कि आदिवासियों के लंबे संघर्ष के बाद वनाधिकार कानून बना था. इसके तहत विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर जंगलों में सैकड़ों वर्षों से रह रहे आदिवासियों को मुख्यधारा में जोड़ने को लेकर जमीन का पर्चा मिलना था. लेकिन दो दशक बाद भी आज तक एक भी आदिवासियों कानून का लाभ नहीं मिलना आदिवासी समाज के साथ भेदभाव को दर्शाता है. किसान नेता मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि दिसंबर 2023 में चकाई प्रखंड मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना के दौरान जिला कल्याण पदाधिकारी, चकाई अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और वन क्षेत्र पदाधिकारी के उपस्थिति में 336 वनाधिकार कानून के तहत पर्चा को लेकर आवेदन लिया गया था. लेकिन आज भी वह ठंडे बस्ते में पड़ा है. भाकपा-माले नेता बाबू साहब सिंह ने कहा कि अमर शहीद सिदो-कान्हो की आदमकद प्रतिमा लगाने, वनाधिकार कानून के तहत जंगल में बसे आदिवासी व गैर आदिवासियों को पर्चा देने को लेकर अधिकारियों ने आवेदन लिया था. लेकिन इस दिशा में अबतक कोई कार्रवाई नहीं किया जा सका है. चकाई प्रखंड मुख्यालय के समक्ष सिदो-कान्हो के प्रतिमा लगाने को लेकर जिलाधिकारी के द्वारा अनापत्ति प्रमाण नहीं देना एक बड़ी राजनीतिक साजिश है. धरना को सीटू नेता शंकर साह ने भी समर्थन दिया. मौके पर मो हैदर, बासुदेव राय, राजकिशोर किस्कू, संजय राय, प्रदीप मंडल, बासुदेव हांसदा, खुबलाल राणा, किसुन मरांडी,एतवा हेम्ब्रम, झगरु राय, कुसमी देवी, बड़की सोरेन, मीना मरांडी, दमयंती देवी, बाजो ठाकुर, मैनेजर सिंह सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं उपस्थित थे.
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