पंकज कुमार सिंह, जमुई: स्वतंत्रता सेनानी सह कुशल राजनीतिज्ञ स्व श्रीकृष्ण सिंह की तीसरी पीढ़ी अर्थात उनके पौत्र सुमित कुमार सिंह ने मंत्री पद पर शपथ लेकर कीर्तिमान रचा है. वे अपने वंश की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं. जेएनयू के छात्र रहे सुमित कुमार सिंह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गये थे.
वर्ष 2010 में पहली बार अपने दादा श्रीकृष्ण सिंह व पिता पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के राजनीतिक क्षेत्र चकाई से जेएमएम के टिकट पर विधान सभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की. विधायक बनने के बाद जदयू की सदस्यता ग्रहण कर विकास की गति को अंजाम देने में जुटे गये. वर्ष 2015 के विस चुनाव में जदयू का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़े और पराजित हो गये. वर्ष 2020 के चुनाव में भी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और चकाई से जीत हासिल की. इस बार की जीत से उन्हें पूरे प्रदेश में एकलौता निर्दलीय विधायक बनने का अवसर मिला.
स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान देने वाले श्रीकृष्ण सिंह ने राजनीतिक जीवन में भी परचम लहाराया था. अंग्रेजों के द्वारा उन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने वालों को पांच हजार रुपया इनाम देने की घोषणा की गयी थी. देश को आजादी दिलाने के बाद वे वर्ष 1962 में झाझा विधानसभा से विधायक बने. इसके बाद वर्ष 1967, वर्ष 1969 में पुन: चुनाव जीतकर उन्होंने प्रदेश सरकार में पथ परिवहन विभाग, पीएचडी और पशुपालन विभाग का मंत्री संभाला था.
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स्वतंत्रता सेनानी वयोवृद्ध मौलेश्वरी सिंह बताते हैं कि उनका सोच सर्वदा क्षेत्र की विकास का ही होता था. उन्होंने किउल डैम के निर्माण कराने के साथ-साथ जिले में सिंचाई व्यवस्था सुदृढ़ की थी. इसके अलावा विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करवाने में अहम भूमिका निभायी थी. वर्ष 1967 के भीषण अकाल में उन्होंने आमजन के बचाव को लेकर काफी सक्रियता से काम किया था. वर्ष 1971 के विधानसभा चुनाव में जीतकर पुन: जीत हासिल की और विद्युत मंत्री बनकर पूरे प्रदेश के साथ-साथ जमुई की बिजली व्यवस्था दुरुस्त करायी. श्रीकृष्ण सिंह इसके बाद वर्ष 1977 में मुगेर लोकसभा क्षेत्र से जीतकर देश की राजनीति में भी सक्रिय रहे.
कई बार मंत्री रहे नरेंद्र सिंह का भी प्रदेश में प्रखर वक्ता और कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में पहचान है. अपने छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे नरेंद्र सिंह पहली बार वर्ष 1985 में चकाई विधानसभा से ही जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने वर्ष 1990 में पुन: विधानसभा चुनाव जीतकर स्वास्थ्य विभाग के मंत्री पद को सुशोभित किया. वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जमुई और चकाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर दोनों विधानसभा से जीत हासिल की. वर्ष 2005 से वर्ष 2014 तक विधान परिषद सदस्य रहे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में कृषि मंत्री रहते हुए पूरे प्रदेश में कृषि और किसानों की खुशहाली को लेकर काम किया. इनके अच्छे कार्यकलाप को लेकर माननीय राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कृषि कर्मण पुरुस्कार देकर इन्हें सम्मानित करने का काम किया था.
Posted By: Thakur Shaktilochan