Bihar Land Survey: 22 चरणों में होगा भूमि सर्वेक्षण का कार्य, दस्तावेज समीक्षा के बाद होगी त्रिसीमाना
Bihar Land Survey: बिहार में चल रही भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया 22 चरण में पूरी होगी. अभी तो सिर्फ जरूरी दस्तावेज के साथ प्रपत्र 2 लिया जा रहा है. इसके बाद त्रिसीमाना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस बात की जानकारी पदाधिकारी ने दी.
Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण के लिए फॉर्म 2 के साथ जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज जमा करने के लिए लोग आतुर हैं. फॉर्म जमा करने के लिए पंचायतों में कैंप लगाए जा रहे हैं. जहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है. फॉर्म जमा न हो पाने के डर से लोग अपना सारा काम छोड़कर फॉर्म जमा करने में जुटे हैं. सर्वेक्षण से जुड़े लोग भी चाहते हैं कि लोग जागरूक होकर जल्द ही अपने जमीन के दस्तावेज के साथ फॉर्म 2 जमा कर दें ताकि अगले चरण की प्रक्रिया शुरू हो सके.
22 चरणों में होगा सर्वेक्षण का काम
जमुई के सोनो प्रखंड में पदस्थापित विशेष सर्वेक्षण के सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी अजय कुमार बताते हैं कि कुल 22 चरणों में सर्वेक्षण का काम होगा, इसलिए यह लंबे समय तक चलेगा. सरकार ने लक्ष्य रखा है कि जून 2025 तक जमीन के विशेष सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए सोनो प्रखंड में विशेष सर्वेक्षण अमीन की टीम के साथ विशेष सर्वेक्षण कानूनगो और विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी लगे हुए हैं. हालांकि अभी यह शुरुआती चरण है.
दस्तावेजों की समीक्षा के बाद किया जाएगा त्रिसीमाना
पदाधिकारी का कहना है कि फॉर्म 2 जमा होने के बाद दस्तावेजों की समीक्षा कर त्रिसीमाना की जाएगी, जिसके बाद गांवों की सीमा निर्धारित कर किश्तसारी का काम किया जाएगा. स्थल निरीक्षण, सीमा मिलान समेत सभी काम एलपीएम के तहत किए जाएंगे. इस बीच फॉर्म 7 और फॉर्म 8 लेने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी.
क्या है त्रिसीमाना
त्रिसीमाना भूमि सर्वेक्षण की एक तकनीकी प्रक्रिया है, जिसमें जमीन की तीन सीमाओं या बिंदुओं को मापा जाता है ताकि भूमि का क्षेत्रफल और आकार सटीक रूप से निर्धारित किया जा सके. इस प्रक्रिया में भूमि की सीमाओं को मापकर यह सुनिश्चित किया जाता है कि भूमि के सभी भागों का सही स्थान और आकार दर्ज हो. त्रिसीमाना के माध्यम से भूमि की सीमाओं और अन्य विवरणों को तय किया जाता है, ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद या भ्रम न हो.
गांव पहुंचकर भी लिया जा रहा है प्रपत्र
विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी का कहना है कि ऐसा नहीं है कि प्रपत्र 2 सिर्फ प्रखंड मुख्यालय पर ही लिया जा रहा है. विशेष सर्वेक्षण अमीन गांव-गांव जाकर लोगों से स्वामित्व संबंधी दस्तावेज के साथ सही तरीके से भरा हुआ प्रपत्र ले रहे हैं. ये अमीन ग्रामीणों को प्रपत्र भरने का सही तरीका भी बता रहे हैं. इसके अलावा संबंधित पंचायत के प्रपत्र पंचायत सरकार भवन में विभिन्न टेबल पर लिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जो लोग बाहर हैं और यहां ऑफलाइन प्रपत्र जमा नहीं कर पा रहे हैं, वे ऑनलाइन भी भर सकते हैं.
पूर्वजों के नाम के जमाबंदी वाले जमीन में संलग्न करें स्वघोषणा वंशावली
सोनो पंचायत की विशेष सर्वेक्षण अमीन कृति कुमारी बताती हैं कि सभी जमीनों के लिए वंशावली प्रपत्र जमा करने की जरूरत नहीं है. वंशावली प्रपत्र सिर्फ उसी जमीन के लिए संलग्न करना है जिसकी जमाबंदी पूर्वज के नाम से हो या जिसमें कई हिस्सेदार हों. यानी जो जमीन अभी भी बाबा -परबाबा के नाम से है लेकिन उनके वंशज आपसी मौखिक बंटवारा कर जमीन का उपयोग कर रहे हैं, ऐसी जमीन के लिए प्रपत्र 2 के साथ वंशावली प्रपत्र के साथ स्वघोषणा पत्र संलग्न करना जरूरी होगा. वंशावली प्रपत्र के साथ सादे कागज पर वंशावली तैयार कर गवाहों के हस्ताक्षर के साथ अपना स्वघोषणा पत्र भी जमा करना जरूरी होगा.
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जमीन स्वामित्व को लेकर जो दस्तावेज उपलब्ध हो उसे कर दें संलग्न
विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी अजय कुमार का कहना है कि अगर जमीन मालिकों के पास अपनी जमीन के कागजात नहीं हैं, जिसे फॉर्म 2 के साथ संलग्न करना है, तो वे कोई भी दस्तावेज जो उक्त जमीन पर मालिकाना हक साबित करता हो, उसे फॉर्म के साथ संलग्न कर सकते हैं. दरअसल कई लोग ऐसे हैं, जिनकी जमीन उनके पूर्वजों के नाम पर है और उसके कागजात और जमाबंदी रसीद उनके किसी अन्य भाई या चाचा के पास है, जो उन्हें नहीं दे रहा है, तो ऐसी स्थिति में ऐसे हिस्सेदारों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए उन्हें कोई भी दस्तावेज जमा करना होगा, जो जमीन पर उनके मालिकाना हक को साबित कर सके, फिर वही दस्तावेज संलग्न किया जाएगा.