झाझा. बिहार के एशियाई मध्य शीतकालीन जल पक्षी गानना कार्यक्रम के तहत राज्य के दूसरे व तीसरे रामसर स्थल नागी व नकटी पक्षी आश्रयणी समेत जिले के 12 जलाशयों में पक्षी गणना का कार्य पक्षी विशेषज्ञ अरविंद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में लगातार की जा रही है. उन्होंने बताया कि जिला के सभी जलाशयों में पक्षी गणना की जा रही है. इसमें नागी, नकटी के अलावा खैरा स्थित गड़ी डैम, सोनो स्थित तिलवरिया, परनिमिया समेत कई जलाशय हैं. उन्होंने बताया कि शीतकाल के शुरुआती में राज्य के करीब 10 से 12 महत्वपूर्ण जलाशयों में बीते दिसंबर में पक्षियों का मुआयना किया गया था. जिसमें जमुई के नागी व नकटी शामिल थे. इन जलाशयों में शीतकाल की समाप्ति के उपरांत अप्रैल माह की शुरुआत में भी गणना की जायेगी. उन्होंने बताया कि नागी में दिसंबर माह में 44 प्रजाति के लगभग दो हजार पक्षियों की गिनती की गयी थी. जबकि यहां पक्षियों की संख्या करीब सात हजार है. जिसमें राजहंस यानी बार हेडेड भुज 8 सौ, रेट क्रीस्टेट पोछाड़ यानी लालसर 25सौ, यूरेशियन कोर्ट यानी सरण दो हजार, कॉटन पिग्मी घुस यानी गिरवी पांच सौ के अलावा लिटिल ग्रीन यानी पनडुब्बी, लालासर समेत कई पक्षी है. उन्होंने बताया कि चकवा पक्षी इस बार नागी में नजर नहीं आए. किंतु धमना आहार में इसे करीब 850 की संख्या में देखी गई ,जो सुखद एहसास दिलाता है. पक्षी विशेषज्ञ श्री मिश्रा ने बताया कि बिहार आद्र भूमि प्राधिकरण सचिव एस चंद्रशेखर भी दल में शामिल होकर लगातार पक्षियों की गणना में साथ रह रहे हैं. यह गणना आगामी 9 फरवरी तक चलेगी. मौके पर फॉरेस्टर अनीश कुमार के अलावा प्रशांत कुमार, संदीप कुमार, मनीष कुमार यादव, युगल कुमार, प्रदीप कुमार, अवधेश कुमार समेत कई लोग मौजूद थे.
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