ठंड में बीपी व दिल के मरीजों के लिए रक्तचाप को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण

सिविल सर्जन डॉ नौशाद अहमद ने बताया कि ठंड बढ़ने के कारण बुजुर्गों रक्तचाप बढ़ जाता है इससे ह्रदयाघात व स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है. बीपी व दिल के रोग वाले बुजुर्गों को खुद रक्तचाप को नियंत्रित रखने की हरसंभव कोशिश रखनी चाहिए

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2024 9:39 PM

जमुई. ठंड के मौसम में बच्चों एवं उम्रदराज (बड़े बुजुर्ग) लोगों की सेहत के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए. ठंड में तापमान की गिरावट से बच्चों एवं बुजुर्गों के स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं की संभावना होती है. साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण बुजुर्गों में अस्थमा पीड़ित वृद्ध लोगों को सांस की समस्या होने लगती है ऐसे समय में उन्हें बहुत अधिक सुरक्षित रहने की जरूरत होती है.

अधिक तेल मसाले वाले भोजन करें परहेज

सिविल सर्जन डॉ नौशाद अहमद ने बताया कि ठंड बढ़ने के कारण बुजुर्गों रक्तचाप बढ़ जाता है इससे ह्रदयाघात व स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है. बीपी व दिल के रोग वाले बुजुर्गों को खुद रक्तचाप को नियंत्रित रखने की हरसंभव कोशिश रखनी चाहिए. बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर ठंड का सीधा असर पड़ता है इसलिए उन्हें खानपान का भी ध्यान रखना है. सर्दी के मौसम में बहुत अधिक तेल मसाले वाले खाने की जगह हल्का व पौष्टिक खाना लेना चाहिए. हरी सब्जी, दाल व रोटी का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए. आहार में विटामिन सी वाले फल, अखरोट, तुलसी और हल्दी दूध भी शामिल करें. सब्जियों में एंटीआक्सीडेंट रक्त परिसंचरण में मददगार होते हैं. समय-समय पर चिकन व अंडा को भी खाना में शामिल करे. घर के सदस्य उनके खाने पीने में हरी सब्जी या चिकन आदि के सूप समय समय पर दें. ठंड में बुजुर्गों को जोड़ों का दर्द बहुत परेशान करता है ऐसे में कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय करना जरूरी होता है. कोलेस्ट्रॉल का कंट्रोल हड्डियों को क्रियाशील बनाये रखता है. सर्दी के मौसम में बुजुर्गों के लिए आवश्यक दवाओं का इंतजाम घर पर करने सहित शरीर के तापमान को नियंत्रण में रखने के लिए गुनगुना पानी पीयें और शरीर को हाइड्रेटेट रखने की बात कही. सिविल सर्जन ने वृद्ध लोगों को मॉर्निंग वॉक पर जाने के बजाय घर में ही हल्के व्यायाम और योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करने की बात कही. सीएस श्री अहमद ने कहा कि ठंड में बच्चों एवं बुजुर्गों कई तरह की बीमारियों की संभावना रहती है. इसलिए, ठंड जनित बीमारी का महसूस होते ही चिकित्सकों से जांच कराकर चिकित्सा परामर्श के अनुसार ही इलाज करायें. साथ ही ठंड जनित बीमारी से बचाव के लिए गर्म कपड़े का उपयोग करें. साथ ही गर्म व ताजा खाना का सेवन करें. चाय में अदरक, दूध में हल्दी और गुड़ (शक्कर) का भी भरपूर सेवन करें जो ठंड से बचाव करेगा बल्कि अन्य बीमारियों से भी दूर रखेगा.

बच्चों एवं बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए बरतें सावधानी

बच्चों एवं बुजुर्गों को ठंड से बचाने के लिये उसके रखरखाव, खानपान का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है. इसके लिए नवजात शिशु का कंगारू मदर तकनीक से ध्यान रखने की आवश्यकता है. बच्चे को हमेशा सूखे बिछावन पर हीं रखना चाहिए. बच्चे के खाने-पीने में हमेशा गर्म भोजन एवं दूध, पानी पीने के लिए देना चाहिए. बुजुर्गों को हमेशा खाने-पीने में गर्म भोजन एवं पेय पदार्थ का इस्तेमाल करना चाहिये. बच्चों एवं बुजुर्गों दोनों को हमेशा गर्म कपड़े ही पहनना कर रखें. सर्दियों के मौसम में सबको अधिकतम समय सूर्य की धूप में बिताना चाहिये. धूप में विटामिन डी से हड्डियों के विकास के लिये आवश्यक कैल्शियम की पूर्ति होती है. इस प्रकार कुछेक सावधानी बरतकर नवजात शिशु, छोटे- छोटे बच्चों, बुजुर्गों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के साथ हीं सभी लोग खुद भी सुरक्षित रह सकते हैं.

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