उलाय नदी पर नहीं बना पुल, बरसात में बलियो समेत दर्जनों गांवों का शहर से टूट जाता है संपर्क

वर्षों से उक्त घाट पर पुल बनाने की उठ रही है मांग

By Prabhat Khabar News Desk | August 24, 2024 10:12 PM

झाझा. दो दिनों से लगातार बारिश होने के कारण झाझा के दक्षिण व पश्चिम छोर पर अवस्थित उलाय नदी में बाढ़ आ गयी है. इस कारण नदी उफ़ना गयी है. शहर के पश्चिमी छोर पर उलाय नदी के बलियो घाट पर पुल के नहीं बनने से बलियो समेत दर्जनों गांव का संपर्क शहर से टूट गया है. बलियो व आसपास के दर्जनों गांव के लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. उक्त क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय दूध बिक्री व अन्य कार्य है. लगातार बारिश होने पर नदी में पानी आ जाता है. इसके चलते यदि किसी को जरूरत होती है तो वे सोनो क्षेत्र होते हुए लंबी दूरी तय कर झाझा आते हैं. सबसे नजदीक झाझा होने के कारण आसपास के गांव के लोग झाझा शहर ही अपने कामकाज करने को आते हैं. ऐसे में जब उलाय नदी में भयंकर बाढ़ आ जाती है तो इन ग्रामीणों को कई तरह की समस्याओं का सामना प्रत्येक दिन बाढ़ रहने तक करना पड़ता है. आजादी के बाद से ही बलियो घाट पर पुल बनाने की मांग उठती रही है. बावजूद आज तक किसी भी राजनेता व सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है. तीन वर्षों से लगातार पुल की मांग को लेकर प्रदर्शन करने से लेकर विधायक व सांसद को भी पत्र लिखा गया है. पर कोई पहल नहीं हो रही है. प्रत्येक बारिश के मौसम में क्षेत्र के लोगों को इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

छात्र-छात्राओं से लेकर व्यवसायी वर्ग तक होते हैं परेशान

बलियो व आसपास के दर्जनों गांव से छात्र-छात्राएं नगर क्षेत्र के विद्यालय व महाविद्यालय में पठन-पाठन के लिए आते हैं. लेकिन बरसात के मौसम आते ही छात्र-छात्राओं की पढ़ाई लगभग ठप हो जाती है. ऐसे में उनकी प्रतिभा भी कुंठित हो रही है. इसके अलावा दूध व्यवसाय, प्रत्येक दिन मजदूरी करके पेट पालने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दुग्ध व्यवसाय करने वाले कई लोगों ने बताया कि हम लोग गाय, भैंस पालते तो जरूर हैं. लेकिन तीन माह तक हमलोगों का दूध घर में ही रह जाता है. जब -जब तेज बारिश होती है, नदी में बाढ़ आ जाती है. हमलोगों का संपर्क शहर से टूट जाता है. इस कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा लगातार बारिश होते रहने से उलाय नदी उफनाती है तो गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चे, महिलाएं व बुजुर्गों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बाढ़ के आ जाने के कारण शहर से संपर्क टूट जाता है और मरीजों को उचित व बेहतर चिकित्सा मुहैया कराने को लेकर दिक्कतें आती हैं. ऐसे में कई लोगों की जान भी जा चुकी है. 2023 में भी एक महिला की जान ऐसे में ही चली गयी थी.

पूर्व सांसद ने दिया था आश्वासन, पहल नहीं

उक्त क्षेत्र के लोगों व प्रखंड स्तर के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा पूर्व सांसद को बलियो घाट पर पुल बनाने की मांग को लेकर आवेदन दिया जा चुका है. इसमें नव युवक संघ के सदस्यों के अलावा कई संगठनों ने उलाय नदी घाट पर पुल की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है व सांसद को आवेदन दिया है. इसके लेकर पूर्व सांसद ने स्थानीय नेताओं व ग्रामीणों को आश्वस्त भी किया था कि उन्होंने पुल निर्माण से संबंधित मंत्री को पत्र भी लिखा है. बावजूद इसके आजतक उक्त घाट पर पुल बनाने को लेकर किसी भी तरह की कोई पहल नहीं की गयी है. इसका खामियाजा उक्त ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को प्रतिवर्ष बरसात के मौसम में भुगतना पड़ता है.

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