जमुई. जिलाधिकारी के निर्देशानुसार श्रम अधीक्षक रतीश कुमार के नेतृत्व में श्रम विभाग की टीम ने प्रखंड गिद्धौर के विभिन्न ईंट भट्ठों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण का उद्देश्य बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी की रोकथाम के साथ-साथ श्रमिकों की मजदूरी और सुरक्षा सुनिश्चित करना था. निरीक्षण के दौरान श्रम अधीक्षक ने भट्ठा मालिकों को बाल श्रमिकों और बंधुआ मजदूरों से काम नहीं लेने की सख्त हिदायत दी. उन्होंने श्रमिकों से उनकी मजदूरी और सुरक्षा संबंधी जानकारी प्राप्त की. इसके साथ ही यह भी जांचा कि मजदूरों के बच्चे स्कूल जाते हैं या नहीं. यदि जाते हैं तो वे किस स्कूल में नामांकित हैं.
प्राथमिकता के आधार पर स्थानीय मजदूरों को काम पर रखें
श्रम अधीक्षक ने ईंट भट्ठा मालिकों को निर्देश दिया कि स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता के आधार पर काम पर रखा जाये. उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के तहत मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी से कम भुगतान करने पर संबंधित मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही, बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत बाल श्रमिकों से काम लेने वाले नियोक्ताओं पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. निरीक्षण टीम ने भट्ठा मालिकों को श्रमिकों को उचित मजदूरी और सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराने की हिदायत दी. इसके साथ ही बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया. श्रम अधीक्षक ने बताया कि जमुई जिले के सभी प्रखंडों के ईंट भट्ठों का क्रमवार निरीक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर कठोर कदम उठाए जाएंगे.
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