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नासूर बन रही है सोनो में जाम की समस्या, परेशान लोग

प्रखंड मुख्यालय सोनो में यातायात की स्थिति बेहद खराब हो गई है. मुख्य सड़कों पर प्रायः हर दिन लगने वाली जाम की समस्या नासूर बन गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2024 9:06 PM
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सोनो. प्रखंड मुख्यालय सोनो में यातायात की स्थिति बेहद खराब हो गई है. मुख्य सड़कों पर प्रायः हर दिन लगने वाली जाम की समस्या नासूर बन गयी है. जाम की समस्या के कारण लोग कराह रहे है लेकिन प्रशासन मूक दर्शक बना है. विकराल हुई जाम की समस्या के निदान को लेकर कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं. आये दिन लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ रहा है. सोनो चौंक को पार करने में वाहन चालकों को घंटों का समय बीत जाता है. हर दिन सुबह से शाम तक कई बार सोनो चौक पर जाम लगता है. जाम के कारण एनएच 333 व एनएच 333ए के साथ ही सोनो चरकापत्थर मार्ग पर बड़ी संख्या में वाहन फंस जाते है. ऐसी स्थिति में जाम में फंसे वाहन चालकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. किसी का ट्रैन छूटता है तो किसी मरीज की जान पर बन आती है. इतनी बड़ी परेशानी के बावजूद न तो प्रशासन का ध्यान इस पर जाता है न ही जनप्रतिनिधि समस्या निदान की दिशा में कोई खास प्रयास कर रहे है. एनएच और चौक से बाजार जाने वाली सड़क पर पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है. सोनो खैरा मार्ग, सोनो झाझा मार्ग, सोनो चकाई मार्ग, सोनो चरकापत्थर मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है. जाम खत्म होने पर भी गाड़ियां रेंगती हुई गुजरने को मजबूर होती है. दरअसल चौड़ी सड़के अस्थाई अतिक्रमण के कारण सिकुड़कर इतनी संकरी हो जाती है कि एक साथ आमने सामने चार पहिया वाहनों का गुजरना संभव नहीं हो पाता है.

सड़क पर ही होता है वाहनों का पड़ाव, सजती हैं अस्थायी दुकानें

सोनो चौक, खैरा रोड और चौक से बाजार वाली सड़क पर लगभग प्रतिदिन लगने वाले जाम की मुख्य वजह सड़क का अस्थाई अतिक्रमण है. कहीं सड़क के किनारे और कहीं कहीं तो सड़क पर ही मोटरसाईकिल, ई रिक्शा, ऑटो व छोटे वाहनों द्वारा पड़ाव किया जाता है. सड़क के किनारे अस्थाई दुकान खोल दिए गए है. सड़क के दोनों किनारे अतिक्रमित होने से खरीदारी करने आए लोग अपने वाहन सड़क पर खड़ा करते है जिससे सड़क सिकुड़कर आधी रह जाती है और जाम लग जाता है. ठेला पर सब्जी, चाट, फल, पानी पूरी बेचने वाले तो अपना ठेला सड़क पर ही लगाकर दुकानदारी शुरू कर देते है. सड़क के फ्लैंक तो पहले ही अस्थाई दुकान में तब्दील हो चुकी है. ई रिक्शा व ऑटो वाले अपने वाहन सड़क पर ही खड़ा कर यात्रियों को बैठाते है. सर्वाधिक खराब स्थिति ग्रामीण बैंक के समीप रहता है. प्रशासन की ओर से इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है लिहाजा स्थिति बिगड़ती जा रही है.

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