चकाई बनेगा मोटे अनाज के उत्पादन का हब
चकाई बनेगा मोटे अनाज के उत्पादन का हब
चकाई. बिहार मिलेट मिशन योजना के तहत प्रखंड में बड़े पैमाने पर मोटे अनाज में शुमार मडूवा की खेती जल्द शुरू की जाएगी. प्रखंड स्तर पर अब तक 200 एकड़ भूमि पर मडूवा की खेती करने का लक्ष्य बनाया गया है. जिसे कलस्टर के माध्यम से की जानी है. वहीं किसानों का समूह बनाकर कलस्टर का निर्माण होना है. खरीफ सीजन में इसकी खेती करने के लिए जिला कृषि विभाग की और से कार्य योजना तैयार कर ली गयी है. ये जानकारी आत्मा के सहायक तकनीकी प्रबंधक अभिमन्यु कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्यवक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं किसान सलाहकार को कलस्टर का चयन करने की जिम्मेदारी दी गयी है. उन्हें गांव में जाकर इच्छुक किसानों को जो मडूवा अनाज की खेती करना चाहते हैं वैसे किसानों को चिन्हित कर कलस्टर में शमिल करने को कहा गया है. उन्होंने आगे बताया कि मडूवा की खेती कम पानी में भी अच्छी हो सकती है. जहां सिंचाई की उपलब्धता कम है वहां भी यह फसल अच्छा उत्पादन दे सकता है. चकाई प्रखंड इसके उत्पादन के लिए मुफीद स्थान है. वहीं इस तरह के मोटे अनाज की कीमत धान एव गेहूं जैसे फसलों से दोगुना मिल जाता है. इसके लिए प्रखंड के छह पंचायतों को चिन्हित कर प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिवशंकर सिंह को इस पर काम शुरू करने का निर्देश भी दिया गया है. इस तरह के मोटे अनाज बहुत गुणकारी होते हैं. इसमें केल्सिम, आयरन, जिंक की मात्रा अधिक पायी जाती है. जिससे यह अनाज डायविटीज, रक्तचाप जैसे बिमारियों में बहुत उपयोगी साबित होता है. वहीं पूर्व में इस प्रखंड में मडूवा, गोनली, साठी, कोदो जैसे मोटे अनाजों की बड़े पैमाने पर खेती हुआ करती थी तथा इसके उत्पादन से आर्थिक रूप से किसान लाभान्वित भी होते थे. वैसे भी कम बारिश होने के कारण मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय कृषि विभाग द्वारा लिया गया है.
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