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बच्चे हैं चिराग, जता रहे हैं फर्जी विरोध: मांझी

जीतन राम मांझी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले आरक्षण के अंदर कोटा का किया समर्थन, कहा

जमुई. सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के अंदर कोटा का जो निर्णय दिया है, वह बिल्कुल सही है. जो भी राजनीतिक पार्टी इसका विरोध कर रही है, वह केवल वोट बैंक के लिए फर्जी विरोध जता रही है. उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को जमुई में कही. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान बच्चे हैं, अगर उनमें थोड़ी सी भी मानवता है और अनुसूचित जाति के प्रति उनकी सोच है तो उन्हें इस बात काे लेकर विरोध नहीं जताना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान कहा कि बिहार में अनुसूचित जाति में कुल 22 जातियां हैं, जिनमें से 18 जातियां ऐसी हैं जिनके शिक्षा का स्तर 8 से 15 प्रतिशत है. इन जातियों में नौकरी में 0.026 प्रतिशत लोग ही हैं. उनमें भी केवल वैसे ही लोग नौकरी पेशा में हैं, जो चतुर्वागीय कर्मचारी हैं, जो साफ-सफाई का काम करते हैं या जो किसी कार्यालय में सबसे छोटे पद पर आसीन हैं. इस जाति के लोग आज तक बड़े पद पर आसीन नहीं हो सके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में धोबी जाति की आबादी 0.65 प्रतिशत है, जबकि नौकरी में उनकी सहभागिता 3.5 प्रतिशत है. वैसे ही बिहार में पासी जाति के लोग 0.98 प्रतिशत हैं, जबकि इस जाति की दो प्रतिशत आबादी नौकरी में है. उन्होंने कहा कि बिहार में अनुसूचित जाति में सबसे अधिक आबादी मुसहर और भुइयां समुदाय की है, लेकिन उनकी सहभागिता नौकरी में बिल्कुल नगण्य है. पर इस बात को कोई नहीं समझ रहा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चिराग पासवान रामविलास पासवान जी के पुत्र हैं, लेकिन वे अभी बच्चे हैं. उन्हें बहुत सी चीज समझनी होगी. जीतन मांझी ने इस दौरान यह भी कहा कि जो लोग जय भीम का नारा लगाते हैं, भीमराव अंबेडकर की जयंती और पुण्यतिथि पर कार्यक्रम मनाते हैं. वे लोग भीमराव आंबेडकर की कही गयी बातों का अनुशरण नहीं करते. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि आरक्षण की 10 साल के बाद समीक्षा होनी चाहिए, लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी आज तक इस पर अमल नहीं किया गया है. जय भीम कहने वाले लोग भी उनकी इस बात को कभी नहीं कहते. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने नागरिक अभिनंदन सह शिक्षा सम्मान समारोह में भी हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि भारत में आजादी के 78 साल गुजर जाने के बाद भी आज तक कोई भी मुसहर या भुइयां जाति का व्यक्ति केंद्रीय मंत्री या राज्य मंत्री तक नहीं बना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुसहर और भुइयां समाज को यह एक बड़ा सम्मान दिया है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने बिहार में शराबबंदी पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि मैं शराब बंदी के खिलाफ नहीं हूं, बल्कि उसे जिस तरीके से बिहार में लागू कराया जा रहा है,मैं उसका विरोध करता रहता हूं. जीतन मांझी ने कहा कि महात्मा गांधी का जन्म जिस राज्य में हुआ वहां भी शराब बंदी है, लेकिन वहां शराबबंदी को इस तरीके से लागू नहीं कराया गया है. बिहार में जो लोग शराब पीने जाते हैं, उन्हें पकड़कर जेल में डाल दिया जाता है. जो लोग शराब तस्करी करते हैं और बड़े शराब कारोबारी हैं उन पर कार्रवाई नहीं होती. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार में दरोगा, थानेदार से लेकर डीएम, एसपी, कलक्टर और जज तक शराब पीते हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती, मैं इसका विरोध करता हूं. इस दौरान सिकंदरा विधायक प्रफुल्ल मांझी सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे.

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