समाजसेवी साहित्यकार अनिलेश चंद्र मिश्र के निधन पर शोक
जिले के जाने- माने समाजसेवी और प्रख्यात साहित्यकार अनिलेश चंद्र मिश्र का निधन दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में हो गया. अनिलेश मिश्र के निधन पर आम जन सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ पड़ी.
सिकंदरा. जिले के जाने- माने समाजसेवी और प्रख्यात साहित्यकार अनिलेश चंद्र मिश्र का निधन दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में हो गया. अनिलेश मिश्र के निधन पर आम जन सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ पड़ी. बताया जाता है कि लंबे समय से बीमार चल रहे जन प्रगति संस्थान के संस्थापक अनिल मिश्र का सोमवार की रात्रि दिल्ली एम्स में निधन हो गया। निधन की खबर सुनकर जन प्रगति संस्थान, परिवार विकास संस्थान सहित सिकंदरा प्रखंड एवं लछुआड़ आदि जगहों के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की. उनका जन्म सिकंदरा प्रखंड के मिश्रडीह ग्राम में सन 1962 में कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुरेश चंद्र मिश्र ” शचीश ” कनिष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था. अनिलेश मिश्र साहित्य, संस्कृति, कला और साहित्य के लिए समर्पित रहे. उन्होंने संभावना और जन प्रगति संस्थान नामक सामाजिक संगठन की स्थापना की और इसके सहयोग से समाज के उत्थान के अनेक कार्य किये और समाज के जीवन स्तर को ऊंचा किया. उन्होंने कुंडघाट जलाशय योजना को लाने में भी महती भूमिका निभायी. लछुआड़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए लंबा संघर्ष किया. वे इतिहास, समाजशास्त्र और हिन्दी साहित्य के प्रकांड विद्वान थे. उनके निधन से पूरे जमुई में शोक की लहर है. वे अपने पीछे 2 पुत्र और 3 पुत्रियों का भरा पुरा परिवार छोड़ गये. उन्होंने समसामयिक मुद्दों पर अनेक हिन्दी और अंग्रेजी पत्र पत्रिकाओं में अपनी टिप्पणियां लिखी. उनके असमय चले जाने से हिन्दी साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. मंगलवार को उनके निधन की खबर को सुनकर परिवार विकास संस्थान की ओर से शोक सभा का आयोजन किया गया. जहां दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा के शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गयी. शोक सभा के दौरान परिवार विकास संस्थान के सचिव भावानंद, फरीद अंसारी, रामवृक्ष महतो, रानी सिंह, राजेश कुमार, भुनेश्वर कोड़ा, विनय सिंह, ध्रुव कुमार, बाबूलाल केवट, नूतन मिश्रा सहित कई लोग उपस्थित थे.
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