जमुई. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को झाझा प्रखंड कार्यालय परिसर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. जागरूकता शिविर का विषय कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम, निषेध एवं निवारण अधिनियम 2013 था. कार्यक्रम का संचालन प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता प्रसादी साह तथा पीएलबी अविनाश कुमार पांडे ने किया. कार्यक्रम में अनेक महिलाओं ने भी अपना योगदान दिया. इनमें आंगनबाड़ी सेविकाओं की प्रमुख भूमिका रही. अपने संबोधन में पैनल अधिवक्ता ने अधिनियम के विषय में लोगों को विस्तार से समझाया. उन्होंने कहा कि आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर समस्त क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं. कार्यस्थल में महिलाओं के साथ कोई भेदभाव या उनका लैंगिक उत्पीड़न ना हो इससे बचने के लिए इस अधिनियम को प्रभाव में लाया गया है. महिलाओं के साथ यदि किसी प्रकार का आपत्तिजनक व्यवहार किया जाता है तो वे इसकी शिकायत कर सकती है. इस कानून से कार्यस्थल में महिलाओं की सुरक्षा का माहौल एवं उनका आत्मविश्वास सुनिश्चित किया जाता है. ताकि वे भी निर्भीक होकर अपना योगदान किसी भी कार्य में दे सके. हर जगह लोकल स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है जो ऐसे मामलों का निपटारा करती है. महिलाओं को आपेक्षिक सुविधा एवं सुरक्षा देकर हम उनके बराबरी का अधिकार सुनिश्चित कर सकते हैं जो हमारे राष्ट्र निर्माण में सहायक होता है.
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