सांसद ने लोस में करमटिया में स्वर्ण अयस्क के लिए खनन कराने की मांग उठायी

जमुई सांसद अरुण भारती ने संसद में प्रखंड के करमटिया में स्वर्ण अयस्क के लिए खनन कार्य प्रारंभ करने की मांग उठायी. उन्होंने संसद में केंद्रीय खनन मंत्री से करमटिया में तत्काल सर्वेक्षण और खुदाई प्रारंभ करने की मांग की.

By Prabhat Khabar News Desk | December 11, 2024 9:22 PM

सोनो. जमुई सांसद अरुण भारती ने संसद में प्रखंड के करमटिया में स्वर्ण अयस्क के लिए खनन कार्य प्रारंभ करने की मांग उठायी. उन्होंने संसद में केंद्रीय खनन मंत्री से करमटिया में तत्काल सर्वेक्षण और खुदाई प्रारंभ करने की मांग की.

2021 में केंद्रीय मंत्री ने सदन में जानकारी दी थी- सांसद

सांसद ने अध्यक्ष के माध्यम से सदन का ध्यान करमटिया स्वर्ण भंडार की ओर आकृष्ट कराया और कहा कि बीते 2021 में केंद्रीय मंत्री ने सदन में जानकारी दी थी कि जमुई के सोनो स्थित करमटिया में देश के स्वर्ण अयस्क भंडार का 44 प्रतिशत स्वर्ण अयस्क है. अगर ऐसा है तो यहां अविलंब सर्वेक्षण कार्य को आगे बढ़ाते हुए खनन की प्रक्रिया प्रारंभ किया जाना चाहिए. इससे जमुई सहित आसपास के इलाके की समृद्धि हो सकेगी. उन्होंने कहा कि बीते काफी समय से करमटिया सिर्फ सुर्खियां ही बटोर रहा है, लेकिन खनन के कार्य नहीं हो पा रहे है. पुराने तरीके से खनन में प्राप्त स्वर्ण से अधिक राशि के खर्च होने की बात बताकर इसे हर बार ठंडे बस्ते में डाला जाता रहा है, लेकिन अब तो कई नई और एडवांस टेक्नोलॉजी आ गयी है. इससे कम खर्च में स्वर्ण को निकाला जा सकता है. सांसद ने यहां खनन प्रारंभ की आवाज को सदन में उठाकर एक बार पुनः क्षेत्र के लोगों की उम्मीद में जान डाला है.

1982 में पहली बार करमटिया गांव की बंजर भूमि चर्चा में आयी

प्रखंड मुख्यालय सोनो से महज 8 किलोमीटर दूर करमटिया नामक एक बेचिरागी गांव की बंजर भूमि पहली बार 1982 में तब चर्चा में आया जब यहां चरवाहे को सोना मिलने लगा. लोगों की भीड़ लगने लगी और यहां सोना पाए जाने की खबर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरा. क्षेत्र के काफी लोग रातो रात अमीर बने. पांच से दस फीट की खुदाई पर ही लोगों को स्वर्ण कण मिल रहा था. यह खबर जब प्रशासनिक महकमे में पहुंची तो आनन-फानन में करमटिया को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया. इसके दो दशक बाद पुनः सोने की खान स्थल पर नई तकनीक के जरिये खुदाई का कार्य प्रारंभ किया गया पर यहां के लोगों को फिर निराशा ही हाथ लगी जब उन्हें पता चला कि सोने के अयस्क काफी गहराई में हैं.

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में स्वर्ण पाये जाने की हुई थी पुष्टि

हालांकि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में करमटिया में प्रचुर मात्रा में स्वर्ण पाए जाने की पुष्टि की थी. 1982- 1986 तक भूतल वेत्ताओं के निर्देश पर करमटिया में खुदाई का कार्य युद्धस्तर पर चला लेकिन अचानक कार्य बंद कर दिया गया. इसके बाद 2010 -2011 में खुदाई का कार्य एक बार पुनःप्रारंभ किया गया जो करमटिया के अलावे आसपास के इलाके में भी किया गया. इस समय भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण पटना ने भी माना था कि क्षेत्र में स्वर्ण की असीम संभावनाएं हैं. घोटारी तथा घुटवे गांव के कुछ क्षेत्रों में स्वर्ण की उपलब्धता की भी पुष्टि की गयी थी. उस समय बताया गया था कि यहां के पत्थरों के जो टुकड़े संग्रह किये गये हैं उसमें 50 पीपीबी से 1.25 पीपीएम तक सोने का सेरुजीनिययस क़वारजटाइंग प्राप्त हुआ है और यह अनुपात इस क्षेत्र में स्वर्ण की प्रचुर उपलब्धता होने का प्रमाण है. इन सबके बावजूद भी पुनः एक बार उत्पादन से अधिक लागत की बात कह करमटिया को गुमनामी के अंधेरे में ढकेल दिया गया.

दफन हो रही लोगों की उम्मीद में आयी जान

एक दिसंबर 2021 को तत्कालीन केंद्रीय खनिज मंत्री प्रहलाद जोशी ने जब देश की संसद को बताया कि देश के स्वर्ण भंडार का 44 फ़ीसदी करमटिया में है तो यहां के लोगों की उम्मीदें बढ़ी. लोगों को लगा कि अब करमटिया और क्षेत्र के दिन फिर जाएंगे लेकिन सब कुछ फाइलों में ही दब कर रह गया. धीरे धीरे धीरे लोगों की उम्मीदें दफन होने लगी. अब अचानक जमुई सांसद द्वारा एक बार पुनः सदन में करमटिया की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करवाते हुए खनन प्रारंभ करने की मांग ने लोगों की मृतप्राय उम्मीदों में कुछ तो जान डाल दी है.

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