Jamui News : मां नेतुला मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, नवरात्र के नौ दिनों तक निराहार रह कर कष्टी देते है हजारों श्रद्धालु

जिला प्रशासन द्वारा अब तक श्रद्धालुओं के लिए नहीं की गयी है कोई व्यवस्था

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2024 9:04 PM

सिकंदरा.

शारदीय नवरात्र के अवसर पर प्रखंड क्षेत्र के प्रसिद्ध मां नेतुला मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है. नवरात्र के अवसर पर हजारों की संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु नौ दिनों तक अनवरत मंदिर परिसर में निराहार रह कर माता के दरबार में कष्टी देते हैं. कष्टी देने को लेकर बुधवार से ही नेतुला मंदिर में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था. इस दौरान कष्टी देने आए श्रद्धालुओं को मंदिर के आसपास बने सरकारी भवनों व धर्मशालाओं में ठहराया गया है. इसके बावजूद स्थान के अभाव में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं को खुले आसमान व पेड़ के नीचे रहने को विवश हैं. नवरात्रि के पहले दिन दोपहर में अचानक बारिश होने के कारण खुले आसमान व पेड़ के नीचे रहने को विवश कष्टी व्रतियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बारिश के दौरान दर्जनों महिला श्रद्धालु प्लास्टिक ओढ़ कर बारिश से बचने का प्रयास करती दिखीं. हालांकि नेतुला मंदिर न्यास समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए यथासंभव व्यवस्था की गयी है. वहीं जिला प्रशासन द्वारा 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवायी गयी है. शौचालय के लिए भी श्रद्धालुओं खास कर महिला श्रद्धालुओं को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कई वर्षों से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा नवरात्र मेला के दौरान चलंत व अस्थायी शौचालय एवं पानी टैंकर की व्यवस्था की जाती थी. लेकिन इस वर्ष जिला प्रशासन द्वारा अब तक मंदिर में नौ दिनों तक रह कर कष्टी देने वाली व्रतियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयीई है. व्रती खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हो रही हैं.

व्रतियों को हो रही है परेशानी

विदित हो कि मां नेतुला मंदिर में कष्टी देने के लिए बुधवार की शाम से ही श्रद्धालुओं का जुटना शुरू हो गया था. उसके बावजूद कष्टी व्रतियों के लिए जिला प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं किया जाना निराशाजनक है. नवरात्रि के पूर्व डीएम अभिलाषा शर्मा व एसपी चंद्र प्रकाश ने मंदिर की व्यवस्था का जायजा भी लिया था. इस दौरान डीएम ने तालाब की गहराई को देखते हुए एहतियात के तौर पर अंचलाधिकारी को तालाब की बैरिकेडिंग का निर्देश दिया था. लेकिन बैरिकेडिंग होना तो दूर की बात अंचलाधिकारी नेहा रानी को ये भी पता नहीं कि बैरिकेडिंग हुआ या नहीं. इस संबंध में सीओ नेहा रानी ने बताया कि तालाब की बैरिकेडिंग के बारे में अभी जानकारी नहीं है.

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