जमुई. सदर अस्पताल से चिकित्सकों के अपनी ड्यूटी से गायब रहने की खबर हमेशा चर्चा में बनी रहती है, इसके बावजूद इसमें कोई सुधार नहीं आ रहा है. शनिवार की देर शाम आठ बजे से लेकर दस बजे तक इमरजेंसी कक्ष से चिकित्सक अपने ड्यूटी से गायब रहे. इससे इलाज के लिए आये मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान मरीज के परिजन आक्रोशित होकर इमरजेंसी कक्ष में हंगामा करने लगे. दरअसल पंचमंदिर मुहल्ला तथा महिसौड़ी मुहल्ला से घायल अवस्था में दो युवकों को सदर अस्पताल लाया गया, लेकिन इमरजेंसी से चिकित्सक के गायब रहने से परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मरीज के परिजनों ने बताया कि सरकारी अस्पताल से चिकित्सक के गायब रहने की खबर अखबारों में पढ़ते थे, लेकिन आज देख भी लिया. उन लोगों द्वारा बताया गया कि इमरजेंसी कक्ष में 24 घंटे चिकित्सक को रहना चाहिए, कब कौन सीरियस मरीज आ जाये और चिकित्सक के नहीं रहने से जान चली जाये तो इसका जिम्मेवार कौन होगा. जबकि नगर परिषद क्षेत्र के भछियार मुहल्ला निवासी राजेश कुमार गुप्ता की पत्नी अर्चना कुमारी पेट दर्द से परेशान थी. इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष पहुंची लेकिन चिकित्सक के नहीं रहने के कारण वह दर्द से तड़पती रही. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है. हालांकि चिकित्सक के गायब रहने की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सैयद नौशाद अहमद ने आनन-फानन में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ थनीश कुमार को इमरजेंसी कक्ष भिजवाया तब जाकर मरीजों का इलाज शुरू हो पाया. इस संबंध में उपाधीक्षक डॉ सैयद नौशाद अहमद ने बताया कि शनिवार की देर शाम आठ बजे से डॉ देवेंद्र कुमार की ड्यूटी थी लेकिन अचानक वह ड्यूटी से गायब रहे. इस कारण मरीजों को परेशानी हुई है. उन्होंने चिकित्सक पर कार्रवाई करने की भी बात कही.
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