बूंदाबांदी से कटी हुई धान की फसल को नुकसान, किसान परेशान

सोमवार तड़के सुबह मौसम के बदलने से सर्वाधिक असर किसानों पर पड़ा है. सुबह हुई बूंदाबांदी से न सिर्फ ठंड बढ़ गयी, बल्कि खेतों में काट कर रखी धान की फसल के खराब होने की संभावना से किसान चिंतित और परेशान हो गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 9, 2024 9:29 PM

सोनो. सोमवार तड़के सुबह मौसम के बदलने से सर्वाधिक असर किसानों पर पड़ा है. सुबह हुई बूंदाबांदी से न सिर्फ ठंड बढ़ गयी, बल्कि खेतों में काट कर रखी धान की फसल के खराब होने की संभावना से किसान चिंतित और परेशान हो गये हैं. वर्तमान समय में धान के खेतों में किसान धान की फसल काटकर कहीं उसे सूखने के लिए पातन लगाकर छोड़ा है, तो कहीं ढुलाई से पूर्व आंटी करके रखा है. इसी बीच सोमवार की सुबह अचानक मौसम ने करवट लिया और हल्की बारिश की स्थिति हो गयी. मौसम की मार झेल रहे किसान अब धान फसल को समेटने के लिए भटक रहे हैं. मौसम को देखते हुए फसलों को समेटना जरूरी है पर मजदूरों की गंभीर समस्या बनी है. इस बार धान की रोपनी के उपरांत जब मौसम ने उस वक्त किसानों का साथ दिया तब किसान खुश थे. उन्हें अच्छी पैदावार की उम्मीद थी लेकिन अब जबकि फसल तैयार होकर काट लिया गया तब बारिश ने किसानों की खुशियों पर ग्रहण लगाना शुरू कर दिया. किसानों ने जैसे-तैसे करके अपने फसलों को लगाया और अब जब फसल पक कर तैयार हुआ तो किसानों ने खेतों में धान की कटनी कर उसे सूखने के लिए छोड़ दिया. अब अचानक हुई बेमौसम बारिश ने किसानों के सारे सपनों पर पानी फेर दिया. धान की फसल भीगने के साथ साथ किसानों को रबी फसल की बुआई में अब इंतजार करना पड़ेगा. धान के पातन को सूखने और खेत को रबी के लिए तैयार करने में तकरीबन एक सप्ताह से अधिक का समय लगेगा जबकि रबी फसल की बुआई का समय दिसंबर तक ही उपयुक्त माना जाता है. इन सारी परिस्थितियों में किसान एक बार फिर मौसम की मार से बेहाल होने को विवश है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version