झाझा. नगर क्षेत्र स्थित अपोलो अस्पताल के समक्ष शव रखकर मंगलवार को लोगों ने जमकर हंगामा किया. आक्रोशित लोग चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे. मृतका के पति परमेश्वर साह ने बताया कि बीते 16 अगस्त को तबीयत खराब होने पर पत्नी गिरिजा देवी का इलाज कराने इस अस्पताल में लाया था. जांच के बाद चिकित्सक ने बताया कि इनकी बच्चेदानी में गांठ हो गया है और वह सरक कर पेशाब के रास्ते आ गया है. इनका तुरंत आपरेशन किया जायेगा तभी ठीक रहेगा. आपरेशन में खर्च के बात पूछे जाने पर अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि 50-60 हजार रुपये लगेगा. इसके बाद हमलोग वापस घर चले गये. पत्नी की तबीयत खराब रहने के कारण बीते 18 अगस्त को पुन: अपोलो अस्पताल आया तो चिकित्सक ने साफ तौर पर कहा गया कि जल्द इन्हें भर्ती करवा दो. भर्ती करने के बाद उसी रात्रि में मेरी पत्नी का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के दो दिनों में पत्नी की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ने लगी. तभी अपोलो अस्पताल के चिकित्सकों ने पत्नी को पटना रेफर कर दिया. इसके बाद एंबुलेंस चालक ने पटना ना ले जाकर जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में मेरे मरीज को उतार दिया. वहां भी मरीज को दो दिनों तक रखा गया और 50 हजार रुपये खर्च हो गया. लेकिन मेरी पत्नी की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, उसकी स्थिति और भी खराब हो गयी. तब हमलोग उसे पटना ले गये. पटना में इलाज के क्रम में बीते सोमवार देर संध्या को मेरी पत्नी की मौत हो गयी. परमेश्वर साह ने बताया कि पटना के चिकित्सक ने बताया कि ऑपरेशन में चिकित्सकों ने लापरवाही बरती है. पेशाब के रास्ते से नस काट दिया गया जिस कारण से लगातार ब्लीडिंग होती चली गयी और मेरी पत्नी की स्थिति बिगड़ गयी. लोगों के द्वारा हंगामा करने की सूचना पर किसी के द्वारा स्थानीय पुलिस को दिया गया. सूचना पाकर पहुंची आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत करवाया और मृतक के परिजन शव को लेकर अपने गांव चले गये. थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि हमें इस संबंध में कोई आवेदन नहीं मिला है. अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि उनके द्वारा लगाया आरोप बेबुनियाद है.
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