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ट्रांसफॉर्मर में लगी आग, तो दमकल का करें इंतजार

क्षेत्र में लगे ट्रांसफॉर्मर में आग लगने पर बुझाने के लिए विद्युत उपकेंद्र के पास नहीं है फायर एक्सटिंग्विशर

सोनो. विद्युत उपकेंद्र सोनो अंतर्गत बाहरी क्षेत्र में स्थित विद्युत ट्रांसफॉर्मर में आग लगने से उत्पन्न आपात स्थिति से निबटने के लिए कोई ठोस और आधुनिक व्यवस्था नहीं है. यदि कभी इस पवार स्टेशन के आस-पास के क्षेत्र स्थित ट्रांसफॉर्मर में आग लग गयी, तो उससे निबटने के लिए पवार सब स्टेशन में छोटा पोर्टेबल अग्निशमन यंत्र नहीं है. इस कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है. इस परिस्थिति में बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. सोनो स्थित पवार सब स्टेशन में एक बड़ा अग्निशमन यंत्र है जिसे कहीं ले जाना संभव नहीं है. यानि पवार सब स्टेशन के भीतर कभी आग लगने से आपात स्थिति हो तो इससे आग पर काबू पाया जा सकता है. लेकिन बाहरी क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर में आग लगने पर विभाग दमकल के इंतजार के सिवाय कुछ नहीं कर सकता है. इसकी एक बानगी शुक्रवार की दोपहर सोनो चौक पर देखने को मिली जब बीते शुक्रवार की दोपहर पावर सब स्टेशन से महज कुछ दूरी पर सोनो चौक स्थित एक ट्रांसफॉर्मर में आग लग गई और विद्युत कर्मी फायर एक्सटिंग्विशर के अभाव में फ़ौरन आग पर काबू नहीं पा सके. जब आबादी के बीच स्थित यह ट्रांसफॉर्मर धू-धू कर जलने लगा और आग के कारण ट्रांसफॉर्मर में धमाका होने के भय से लोगों में अफरा तफरी मचने लगी थी, तब मौके पर आये किसी भी विद्युत कर्मी के हाथ में फायर एक्सटिंग्विशर नहीं दिखा. वे लोग भी आम लोगों की तरह ही पानी, मिट्टी और बालू फेंक कर आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे और दमकल का इंतजार कर रहे थे. बाद में दमकल वाहन के आने पर आग बुझाया जा सका. इस घटना को देखते हुए बुद्धिजीवियों का मानना है कि विद्युत विभाग के कार्यालय में ऐसे आपात स्थिति से निबटने हेतु कई पोर्टेबल अग्निशमन यंत्र रहना चाहिए, जिसके उपयोग से विद्युत कर्मी ट्रांसफॉर्मर या अन्य किसी विद्युत उपकरण में लगी आग को फ़ौरन बुझा सके. विद्युत उप केंद्र में पदस्थापित कनीय विद्युत अभियंता प्रीतम राज बताते हैं कि पवार सब स्टेशन में कार्बन वाला पीएसएफ सिस्टम का बड़ा अग्निशमन यंत्र तो है, जिससे पवार सब स्टेशन में लगी आग पर तो काबू पाया जा सकता है लेकिन बाहरी क्षेत्र में इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता है. झाझा के सहायक विद्युत अभियंता भी स्वीकारते है कि पवार सब स्टेशन से बाहर किसी विद्युत उपकरण में लगी आग को बुझाने हेतु फायर एक्सटिंग्विशर नहीं है.

भीषण गर्मी व ओवर लोड से ट्रांसफॉर्मर में लग रही आग:

लगातार तापमान में वृद्धि व भीषण गर्मी के बीच बिजली की खपत में काफी उछाल हो रहा है. इससे ट्रांसफॉर्मर पर लोड तेजी से बढ़ा है. एक तो भीषण गर्मी और ऊपर से ओवर लोड होने से ट्रांसफॉर्मर और उसके भीतर के आयल गर्म होकर आग पकड़ लेता है. कनीय विद्युत अभियंता बताते है कि पावर सब स्टेशन में स्थित तमाम ट्रांसफॉर्मर के एरिया में प्रतिदिन ताप नियंत्रण हेतु एक दो घंटे विद्युत आपूर्ति बंद कर पानी का पटवन करवाना पड़ रहा है. भीषण गर्मी से ट्रांसफॉर्मर का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है. अभी इस गर्मी में हमलोग पूरे एलर्ट होकर ड्यूटी कर रहे है. बढ़ते ताप में हमारी चुनौतियां भी बढ़ी हुई है. पावर सब स्टेशन में विद्युत संयंत्र में गर्मी के कारण आग न लगे इसको लेकर हमलोग विभिन्न कार्य में लगे रहते हैं. इससे स्पष्ट है कि पावर सब स्टेशन के भीतर ट्रांसफॉर्मर में आग से बचाव को लेकर तैयारी तो है लेकिन बाहरी क्षेत्र स्थित ट्रांसफॉर्मर में इस भीषण गर्मी के बीच कभी भी आग लग सकती है जिस पर नियंत्रण हेतु विभागीय व्यवस्था नदारद है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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