जमुई : थाना में मामला दर्ज नहीं करने के बाद हालिया दिनों में जिले के एक थानेदार पर हुई कार्रवाई का कोई भी असर जिले के पुलिस पदाधिकारियों पर नहीं पड़ सका है. इसका एक और उदाहरण रविवार को महिला थाना में देखने को मिला. जहां अपने मासूम नवजात की लाश लिए एक बेबस मां 4 घंटे तक महिला थाना में गुहार लगाती रही, पर कार्रवाई तो दूर मामला दर्ज करने को लेकर भी महिला थानाध्यक्ष ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तथा उसे यह कहकर वापस भेज दिया कि वह अगले दिन आए. जिसके बाद उसका मामला दर्ज किया जाएगा.
मामला जमुई जिले के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले इकेरिया का है. जहां रहने वाली प्रियंका कुमारी के साथ उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने मारपीट किया. जिस घटना में उसका गर्भपात हो गया तथा नवजात की मौत हो गई. इसके बाद अपने ससुराल पक्ष के लोगों पर मामला दर्ज कराने महिला थाना पहुंची प्रियंका कुमारी को पुलिस का अमानवीय चेहरा देखने को मिला, जहां मामला दर्ज करने के नाम पर उस लाचार मां को महिला थानाध्यक्ष ने 4 घंटे तक थाना परिसर में बैठाए रखा और उसके बावजूद भी मामला दर्ज नहीं किया. अब प्रियंका ने अपने ससुराल पक्ष के लोगों के साथ-साथ महिला थानाध्यक्ष पर भी कार्रवाई की गुहार लगाई है.
जानकारी के अनुसार जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के ईटासागर पंचायत के चारण गांव निवासी वीरेंद्र पासवान ने अपनी बेटी प्रियंका कुमारी की शादी सदर थाना क्षेत्र के ईकेरिया गांव निवासी वासुदेव पासवान के पुत्र धर्मवीर पासवान से 1 वर्ष पहले की थी. प्रियंका कुमारी ने बताया कि शादी के 1 महीने बाद से ही मेरे ससुराल पक्ष के लोग मेरे साथ मारपीट करते थे और मुझे प्रताड़ित कर मुझसे दहेज की मांग करते थे. मेरे पिता एक गरीब किसान है ऐसे में वह पैसा देने में असमर्थ हुए, तब मेरे पति के अलावे मेरी सास मंजू देवी, ससुर वासुदेव पासवान, महावीर पासवान, जूली देवी, सुनीता देवी सहित अन्य लोग मेरे साथ मारपीट करने लगे.
प्रियंका ने बताया कि उसके गर्भ में 6 महीने का बच्चा पल रहा था तथा उक्त लोगों ने बीते शनिवार देर शाम मेरे साथ मारपीट किया. इस दौरान मेरे पति धर्मवीर पासवान ने मेरे पेट पर लात घुसा की बौछार कर दी. जिससे मेरे पेट में पल रहे 6 महीने की बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद जब मैं दर्द से बेचैन होने लगी और जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ गया तब मेरे ससुराल पक्ष के लोगों ने ही गांव की एक दाई को बुलाकर मेरा गर्भपात करा दिया. ना ही इस दौरान मेरे ससुराल पक्ष में किसी ने डॉक्टर को बुलाया और ना ही मेरी कोई देखभाल की. रविवार को जब मैंने इसकी सूचना अपने मायके पक्ष के लोगों को दी तब उन्हें जानकारी हुई और वह मुझे ससुराल पक्ष के लोगों के चुंगल से छुड़ाकर लेकर आए.
इस दौरान प्रियंका कुमारी मामला दर्ज कराने महिला थाना पहुंची तथा महिला थानाध्यक्ष को आवेदन दिया. पर जिला पुलिस का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया तथा लगातार 4 घंटे तक वह अपने नवजात की लाश लेकर थाने में बैठी रही, पर मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. हद तो तब हो गई जब कार्रवाई तो दूर और महिला थानाध्यक्ष ने मामला दर्ज करने में भी आनाकानी की तथा उसे वापस घर चले जाने को कहा. कोई उपाय नहीं देख अंततः पीड़िता अपने मासूम की लाश को लेकर अपने मायके चली गई. अब सवाल यह उठ खड़ा होता है कि जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा आखिर कब तक सामने आएगा.
गौरतलब है कि बीते दिनों जिले के बरहट थाना क्षेत्र में एक युवक के अपहरण के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था. जिसके बाद अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की मांग को लेकर उक्त युवक की हत्या कर दी थी. बाद में परिजनों ने जब वरीय पदाधिकारियों को मामला दर्ज नहीं करने की बात बताई तब कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने बरहट के तत्कालीन थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया था. पर महिला थानाध्यक्ष ने इसे भी कोई सीख नहीं ली है. अब ऐसे में देखना यह बहुत दिलचस्प होगा कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक के द्वारा किस तरह की कार्रवाई की जाती है. एसडीपीओ डॉ राकेश कुमार ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. जानकारी दिए जाने के बाद संबंधित दोषियों पर कार्रवाई होगी तथा पीड़िता को न्याय अवश्य दिलाया जाएगा.
posted by ashish jha