जमुई : सदर अस्पताल में लाश को ट्रैक्टर से ले जाने मामले में अब अस्पताल प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ने लगा है. लाश को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं होने की बात कहकर अब इस मामले से प्रबंधन अपना मुंह मोड़ने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में अब सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेवार कौन है, और आखिर सदर अस्पताल में चार-चार एंबुलेंस के रहते भी मृतक के परिवार को एंबुलेंस मुहैया क्यों नहीं कराया गया.
बताते चलें कि बीते शनिवार को जिले के खैरा थाना क्षेत्र के नीम नवादा पंचायत के एक व्यक्ति की हत्या के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया. जहां पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजनों को एंबुलेंस मुहैया नहीं हो सका और उसके परिजनों को ट्रैक्टर में शव को रखकर कर ले जाना पड़ा था.
प्रभात खबर ने खबर का प्रकाशन कर इस मामले को उठाया था तथा सिविल सर्जन ने मामले में जांच कर कार्रवाई की बात कही थी. लेकिन रविवार को इस बाबत पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. विजेंद्र सत्यार्थी ने कहा कि अस्पताल में लाश ले जाने के लिए अलग एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया जा सका.
एंबुलेंस को लेकर लगातार होता रहता है खेल : सदर अस्पताल में एंबुलेंस को लेकर लगातार कई तरह की बातें सामने आती रहती हैं. कई मर्तबा यह भी बातें सामने आई है कि निजी एंबुलेंस मालिकों के द्वारा अपना प्रभुत्व स्थापित करने को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति को अपने भरोसे में लेकर एंबुलेंस का संचालन किया जाता रहा है.
जिसका जीवंत उदाहरण सदर अस्पताल के बाहर देखने को मिल सकता है, जहां दर्जनों की संख्या में सड़क किनारे निजी एंबुलेंस खड़े दिखाई देते हैं. व्यवस्थाओं के नाम पर जिला स्वास्थ्य समिति करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करती है. पर मरीजों को एंबुलेंस मुहैया नहीं हो पाता है तथा ऐसी अमानवीय तस्वीर सामने आती है.
posted by ashish jha