फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 21 लाख लोगों को खिलाई जायेगी दवा

फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो मादा क्यूलेस मच्छर के काटने से होती है. इस बीमारी से बचाव के लिए समय पर दवा का सेवन करना जरूरी है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 8, 2025 9:45 PM

जमुई. फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो मादा क्यूलेस मच्छर के काटने से होती है. इस बीमारी से बचाव के लिए समय पर दवा का सेवन करना जरूरी है. इस रोग से बचाव के लिए 10 फ़रवरी से जिलेभर में सर्वजन दवा सेवन अभियान का शुभारंभ किया जा रहा है. उक्त बातें शनिवार को सदर अस्पताल के सभागार में स्वास्थ्य विभाग एवं सिफार के द्वारा आयोजित एकदिवसीय मीडिया कार्यशाला के दौरान सिविल सर्जन डॉ अमृत किशोर ने कही. उन्होंने बताया की क्यूलेस मच्छर ज्यादातर नमी एवं गंदगी वाले जगह पर पनपता है. समुदाय को अपने घरों के आसपास एवं घर के अन्दर साफ -सफाई का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. सीएस डॉ किशोर ने बताया कि जिले में कुल 20 लाख 80 हजार 928 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए कुल 1067 टीम बनायी गयी है. जो घर -घर जाकर लोगों को दवा खिलाने के साथ -साथ फाइलेरिया से बचने हेतु भी जागरूक करेगी. सर्वजन -दवा सेवन अभियान कुल 17 दिनों तक चलाया जायेगा जिसमें अंतिम 3 दिनों तक बूथ लगाकर लोगों को दवा खिलाई जायेगी. मौके पर उपस्थित जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेन्द्र कुमार धुसिया ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी होने के बाद इंसान को शारीरिक ही नहीं बल्कि सामाजिक व आर्थिक स्थिति के साथ कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है. इसलिए इस गंभीर एवं लाईलाज बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय सर्वजन दवा है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा समय-समय पर सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जा रहा है. इस बीमारी से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल, आइवरमेक्टीन और डीईसी की दवा खिलाई जानी है. डॉ धुसिया ने कहा टीम के सभी सदस्यों को सख्त निर्देश दिया गया है की वो किसी भी व्यक्ति को दवा बाटें नहीं उनको अपने सामने ही खिलायें. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेन्द्र कुमार धुसिया द्वारा बताया गया कि वर्तमान में जिले भर में फाइलेरिया के मरीजों की कुल संख्या 2600 है. मौके पर जिले की मीडिया के साथ जिला कार्यक्रम प्रबंधक पवन कुमार, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी प्रमोद कुमार एवं विकाश कुमार ,पिरामल ,सीफार एवं लेप्रा के प्रतिनधि मौजूद थे.

फाइलेरिया के मरीजों को मिलेगा दिव्यांगता प्रमाण पत्र

सिविल सर्जन डॉ अमृत किशोर द्वारा बताया गया कि सरकार द्वारा फायलेरिया से संक्रमित मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में रखा गया है. फायलेरिया से पीड़ित हाथी पांव वाले मरीजों को दिव्यागंता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि हाथी पांव से पीड़ित लोगों को प्रत्येक छह माह में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य कीट उपलब्ध कराया जाता है. जिसमें तौलिया,दवा, सहित अन्य जरूरी सामान रहता है.

क्या न करें

– दो साल से कम उम्र के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है.

– – गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के छोड़कर सभी स्वस्थ लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन है करानी.

– फाइलेरिया रोधी दवा कभी भी खाली पेट नहीं खानी है.

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