चंद्रमंडीह. बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ ऐक्टू के बैनर तले सोमवार को विद्यालयों में कार्यरत रसोईया बीआरसी के समक्ष विभिन्न मुद्दों को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. धरना की अध्यक्षता करते हुए बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ के जिला सचिव मो हैदर ने कहा कि सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन योजना को एनजीओ के हवाले किया जा रहा है, लेकिन एनजीओ बच्चों तक गुणवत्तापूर्ण भोजन पहुंचाने में विफल है. हाल ही में जमुई प्रखंड के नवीन प्राथमिक विद्यालय सुल्तानपुर में एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराये गये मध्याह्न भोजन में छिपकली मिलने से विद्यालय के 16 बच्चे बीमार हो गये थे. स्थिति गंभीर होने के बाद उन बच्चों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ दिन पूर्व ही अररिया जिले में भी एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराये गये मध्याह्न भोजन में सांप मिला था. इसके कारण लगभग सौ बच्चे बीमार हो गये थे. उन्होंने कहा कि रसोईया को मात्र सोलह सौ पचास रुपये मानदेय दिया जाता है. वह भी साल के बारह महीने में महज दस माह का ही मानदेय दिया जाता है. मोदी सरकार ने अबतक रसोईया का एक रुपया भी मानदेय नहीं बढ़ाया है. मौके पर भाकपा माले के जिला कमेटी सदस्य कामरेड संजय राय ने कहा कि सरकार ने घोषणा की है कि जिसकी वार्षिक आय बहत्तर हजार से कम है उसे लघु उद्यमी योजना के तहत दो लाख रुपये रोजगार के लिए दिया जायेगा. रसोइया की वार्षिक आय मात्र साढ़े सोलह हजार है. ऐसे में अंचल अधिकारी द्वारा सभी रसोइया का साढ़े सोलह हजार रुपये वार्षिक आय का प्रमाण पत्र बनाया जाये, ताकि रसोइया को दो लाख रुपये रोजगार के लिए मिल सके. मौके पर आदिवासी संघर्ष मोर्चा के जिला सचिव कल्लू मरांडी एवं प्रखंड संयोजक रूपन साह ने भी अपनी बात रखी. मौके पर रिंकी देवी, रीना देवी, संध्या देवी, रेखा देवी, सावित्री देवी, पार्वती देवी, उसमती देवी, जिरिया देवी, कुंती देवी, फुलमंती देवी, गोखली देवी, सविता देवी, किरण देवी, चंचल देवी, अलखी देवी, बमभोला साव सहित बड़ी संख्या मे विद्यालय में कार्यरत रसोईया मौजूद थे.
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